सीकर: जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर ने देश को पूरी तरह से हिलाकर रखा हुआ है और तकरीबन हर राज्य से ऑक्सीजन की कमी, मरीजों को अस्पतालों में बेड्स न मिलना और मौत की खबर आ रही है. वहीं इस भयावह माहौल में एक गांव ऐसा भी है जो कोरोना महामारी से पूरी तरह से सुरक्षित है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इस गांव के लोगों ने पूरे अनुशासन और सावधानी के साथ काम किया. जब पिछले साल जब देश में लॉकडाउन लगा था, तब इन लोगों ने गांव के सभी मुख्य रास्तों को बंद कर दिया था. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी थी.
राजस्थान के सीकर जिले की खंडेला के सुखपुरा गांव के लोगों ने जिले में कोरोना महामारी से अपने आपको और गांव को सुरक्षित रखा है. एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना का कहर झेल रही है, वहीं दूसरी तरफ अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में बसे करीब 3000 की आबादी वाले इस गांव में वैश्विक कोरोना महामारी के 13 माह से अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है.
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन के दौरान गांव वालों ने प्रशासन के साथ मिलकर मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग की थी और आने-जाने वाले हर शख्स पर पैनी नजर रखी जा रही थी. गांव के बाहर ही आइसोलेशन व क्वारंटाइन सेंटर बना दिए गए थे. जहां पर ग्रामीणों की ओर से खाने-पीने का सारा प्रबंध किया गया था. इसके अलावा साफ साफाई का पूरा ख्याल रखा गया था और कई छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखा गया था. जिसकी वजह से गांव और गांव के सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
वहीं ग्राम विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि कोरोना काल के दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन को अच्छा सहयोग किया. जिसकी वजह से गुरारा ग्राम पंचायत का सुखपुरा ग्राम महामारी के बावजूद भी अबतक बचा हुआ है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने नियमों का सख्ती से पालन किया. जिसकी वजह से हम सभी सुरक्षित हैं.
ग्रामीणों ने गांव के मुख्य रास्तों पर निगरानी कर प्रत्येक आने जाने वाले व्यक्तियों की सूचना समय पर प्रशासन को उपलब्ध करवाई. नियमित रूप से लोग अपनी जांच करवाते रहे. पिछले एक साल से कोरोना वायरस को लेकर सभी सावधानियां बरती जा रही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने पूरा ख्याल रखा गया. नतीजन आज ग्राम जिले में सुरक्षित रहकर मिसाल पेश कर रहा है. वहीं, राजस्थान के अन्य जिलों में कोरोना ने तबाही मचाई हुई है. मरने वालों की संख्या में रोज बढ़ती जा रही है.