गंगा मुक्ति आंदोलन की अपील, प्रदूषण के खिलाफ संघर्षशील संगठनों को एकजुट होना चाहिए
भागलपुर। गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रमुख राम शरण ने प्रदूषण के खिलाफ संघर्षशील देश भर के संगठनों को एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हम आज नहीं चेते तो मौजूदा केंद्र सरकार पूंजी पतियों के दबाव में देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा देगी। रामशरण गंगा मुक्ति आंदोलन और लोकचेतना के साथियों के साथ एक बैठक में बोल रहे थे। इसमें प्रो योगेंद्र ,उदय ,रामपूजन,शाद, ललन,भरत,उमेश आदि शामिल हुए।
बैठक मे ग्लासगो में चल रहे विश्व पर्यावरण सम्मेलन COP26 में भारत की भूमिका पर विचार किया गया। जब दुनिया के अधिकांश देश 2050 मे Net Zero (जितना कार्बन उत्सर्जन उतना ही सोखने) पर सहमत हैं ,तब भारत सरकार द्वारा बीस साल बाद 2070 में इसे प्राप्त करने का वादा किया गया है। भारत चीन और अमेरिका तीन सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले देश हैं। भारत की इस घोषणा से अन्य देशों की राय भी बदल सकती है। लेकिन भारत के उद्योगपतियों के संगठन CII ने मोदीजी की घोषणा का स्वागत किया है। यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने उद्योगपतियों के दबाव में इसे 20 साल टाला है। यही नहीं जंगल की कटाई पर रोक लगाने से भी इंकार किया है। जबकि जलवायु प्रदूषण के कारण पिछले साल ही 85 अरब डालर का नुकसान भारत के किसानों ,गांवों, और आम नागरिकों को हुआ है।
इसीलिए इस के खिलाफ लड़ रहे सामाजिक संगठनों को आज मिल कर काम करने की जरूरत है। अन्यथा यह सरकार पूंजीपतियों के दबाव मे देश को बर्बाद कर देगी। इस संदर्भ मे शीघ्र एक जूम मीटिंग करने और आम लोगों मे चेतना फैलाने का निर्णय लिया गया।