भागलपुर धमाके के बाद एक्शन में पुलिस, 48 कार्टन पटाखे जब्त

Update: 2022-03-08 11:13 GMT

बिहार के भागलपुर में गुरुवार की रात हुए विस्फोट की जांच का जिम्मा अब बिहार आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को दिया गया है। शुक्रवार की शाम को एटीएस का बम स्क्वायड पटना से भागलपुर के लिए रवाना हो गया। इस टीम में चार लोग शामिल हैं। धमाके के बाद भागलपुर पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।

विस्फोट में 15 लोगों की मौत के बाद पुलिस शहर के तमाम छोटे-बड़े आतिशबाजों और पटाखा दुकानदारों पर दबिश दे रही है। रविवार रात करीब सवा दो बजे कोतवाली पुलिस ने शारदा प्रसाद झुनझुनवाला स्कूल गली, चुनिहारी टोला निवासी प्रदीप कुमार मावंडिया के घर से 48 कार्टन पटाखा बरामद किया। प्रदीप मौके से फरार मिला। घर में सिर्फ महिलाएं ही थीं। बरामद पटाखे को चार ट्रैक्टर-ट्राली में रखवाकर कोतवाली थाने लाया गया।

कोतवाली इंस्पेक्टर रामप्रीत पासवान ने बताया कि पूर्व में प्रदीप के नाम से लाइसेंस था, लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं हुआ था। बावजूद अवैध तरीके से पटाखे का भंडारण किया था। ऐसे में उनके खिलाफ बगैर लाइसेंस के पटाखा भंडारण व बिक्री करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

शनिवार को भी काजवलीचक में यतीमखाना गली स्थित गुड्डु उर्फ अशोक मंडल के घर से बारूद बरामद हुई थी। इसके बाद एसएसपी बाबू राम ने सभी थानों को छापेमारी का निर्देश दिया था। एसएसपी के निर्देश पर नाथनगर, सुल्तानगंज, सबौर, गोराडीह में संदिग्धों के यहां ताबड़तोड़ छापेमारी हुई। सुल्तानगंज से पटाखे बरामद कर दो लोगों को हिरासत में लिया गया था।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूरे जिले से अब तक करीब 126 पटाखा बेचनेवालों की लिस्ट बन गई है। सभी के यहां बारी-बारी से छापेमारी होगी और उनकी गतिविधियों की निरंतर निगरानी होगी। पुलिस का उद्देश्य कहीं भी पटाखा नहीं बेचने देना है। इसलिए स्टॉक समाप्त करने के लिए छापेमारी हो रही है। पुलिस को शक है कि पटाखा स्टॉक करने से कभी भी स्थिति खतरनाक हो सकती है।

भागलपुर के एसएसपी बाबू राम ने कहा, 'जिले के अंदर अवैध पटाखा निर्माण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी थानेदारों को जिम्मेदारी दी गई है कि जो लोग बारूद सप्लाई, पटाखा निर्माण और इसके आगे बेचने की चेन से जुड़े हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें।'

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