नीतीश ने भागलपुर दंगा याद दिलाकर RJD पर साधा निशाना, कहा- काम पर वोट दीजिए
नीतीश कुमार ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अल्पसंख्यकों का वोट ले तो लेते हैं मगर करते कुछ नहीं है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार से बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) कार्यालय से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वह काम के आधार पर अपना निर्णय लें. जनता मालिक है. हम लोगों का काम पसंद है तो फिर सरकार बनाने का मौका दीजिए. हमें उम्मीद है कि आप हमारे काम के आधार पर वोट दीजिएगा. दूसरे लोगों में कोई दम नहीं है. वो समाज को बांटना चाहते हैं और हम समाज को एकजुट करना चाहते हैं. वो भ्रम पैदा करना चाहते हैं. हम समाज के हर तबके के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं.
नीतीश कुमार ने आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अल्पसंख्यकों का वोट ले तो लेते हैं मगर करते कुछ नहीं है. 1989 में भागलपुर दंगा हुआ था तो क्या किया था इन लोगों ने? कुछ किया लोगों के लिए? 2005 में जब हमें काम करने का मौका मिला तो हम लोगों ने दोबारा आयोग बनाया और 2007 से सभी दंगा पीड़ितों को मुआवजा देने का काम शुरू किया. हम वोट की चिंता नहीं करते हैं, सेवा ही हमारा धर्म है.
वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि कुछ लोग केवल जुबान चलाते हैं. उन लोगों को काम करने में कोई रुचि नहीं है. ना काम करने के मामले में किसी प्रकार का कोई अनुभव है. हम तो पूरे बिहार को अपना परिवार मानते हैं मगर कुछ लोगों के लिए पति-पत्नी, बेटा-बेटी ही केवल परिवार है. हमारे लिए तो बिहार परिवार है. कुछ लोग निजी परिवारवाद पर चल रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ये जो लोग हैं उन्हें हमसे पहले 15 साल का जो शासन काल था उसके बारे में कोई जानकारी नहीं होगी. कार्यकर्ताओं का काम है कि नई पीढ़ी को उस शासनकाल के अनुभव से अवगत कराएं.
रोजगार के मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए सीएम ने बिना नाम लिए हुए कहा कि बहुत लोग आजकल युवाओं के रोजगार की बात कर रहे हैं. 15 साल में कितने लोगों को रोजगार दिया गया? आज लोग प्रवचन दे रहे हैं. कुछ लोग कहते हैं कि कैबिनेट की मीटिंग में इतना रोजगार दे देंगे. 15 साल के शासन काल में कैबिनेट की बैठक होती थी? समय पर कैबिनेट की बैठक नहीं होती थी. कैबिनेट मंत्रियों को सम्मान भी नहीं मिलता था. चंद लोग को छोड़ दीजिए तो बाकी लोगों की क्या स्थिति थी ? कैसे सरकार चलाया जाता था?
नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के किसी मुल्क में क्या सरकारी सेवा में ही सबको नौकरी मिलती है? यह संभव है क्या? हम लोगों से इसलिए कह रहे हैं कि वह सचेत रहें. अगर फिर से मौका मिला तो सात निश्चय पार्ट-2 का निर्णय लिया है. सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत हम युवाओं को इतना सक्षम कर देंगे कि उन्हें बिहार के बाहर जाकर काम नहीं करना पड़े.
मौका मिला तो महिलाओं के लिए काम करेंगे और इंटर पास करने पर अविवाहित महिलाओं को 10,000 रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 25000 और ग्रेजुएट हुए तो 25000 सहायता राशि को बढ़ाकर 50000 कर देंगे. काम के आधार पर आप निर्णय लीजिए. बिहार को केंद्र सरकार का सहयोग हर क्षेत्र में मिल रहा है.
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि न्याय के साथ विकास के एजेंडे पर मैंने पिछले 15 साल से काम किया है. आपदा पीड़ितों का सरकारी खजाने पर सबसे पहला हक है. हम बार-बार कहते रहते हैं. पिछले 15 सालों में कितना विकास का काम हुआ है. हम चाहते थे कि बिहार में उद्योग लगे मगर ऐसा नहीं हो पाया. उद्योगपति नहीं आए क्योंकि बिहार चारों तरफ से जमीन से घिरा है. हम लोगों ने बिहार में कानून का राज स्थापित किया है. हम क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि जो लोग बोलते हैं उनसे पूछिए कि 15 साल पति-पत्नी का राज था और कहां किसी का इलाज होता था? पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महीने में कितने लोग इलाज करवाने जाते थे, केवल 40. हम लोगों को जब काम करने का मौका मिला तो हम लोगों ने सारा इंतजाम किया. हम तो चाहते हैं कि विधानसभा और संसद में भी महिलाओं के लिए 35% आरक्षण होना चाहिए. सड़क का पहले क्या हाल था ? शाम के बाद पहले कोई नहीं निकल पाता था मगर आज हालात पूरी तरीके से बदल गए हैं. कौन सा काम हमने नहीं किया है लोगों को बताना चाहिए ?