बिहार में बड़ा सियासी उठापटक! BJP-JDU में दरार! RJD सांसद मनोज झा ने दिया बड़ा बयान
बिहार में बीजेपी-जेडीयू की सरकार का दम उखड़ने लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दमघोंटू वातावरण से निकलने को बेताब नज़र आ रहे हैं। न सिर्फ नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर एनडीए सरकार और उसके मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेरुखी दिखा रहे हैं, बल्कि प्रदेश के जेडीयू नेता भी बीजेपी नेताओं पर लगातार फायरिंग कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी ऐसा बर्ताव कर रही है मानो उसने बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रखा हो।
बिहार में एनडीए सरकार मुश्किल में दिख रही है इसके कई संकेत देखे जा सकते हैं। नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं पहुंचे। स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। मगर, उसी दिन पटना में कैबिनेट सहयोगी बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन के साथ मंच शेयर करते नज़र आए। दो अन्य कार्यक्रमों में भी नीतीश ने शिरकत की। नीतीश ने ऐसे ही तेवर तब भी दिखाए थे जब बीते महीने अमित शाह और जेपी नड्डा का बिहार दौरा हुआ। नीतीश कुमार कोविड पॉजिटिव घोषित हो गये।
जेडीयू के विधायकों और सांसदों की बैठक बुला ली गयी है। जीतन राम मांझी की पार्टी भी इस किस्म की बैठक बुला रही है। इस बीच बिहार विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा भी कोविड पॉजिटिव घोषित हो गये हैं। इन घटनाओं को एक-दूसरे से जोड़कर देखा जा रहा है और इन्हें आगे की राजनीतिक घटनाओं का संकेत माना जा रहा है।
मनोज झा ने दिया बड़ा बयान
राजद सांसद झा ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है और पार्टी राज्य में राजनीतिक अस्थिरता नहीं देख सकती। बिहार के लिए जो भी बेहतर होगा पार्टी उस हित में फैसला करेगा। राजद नेता के इस बयान से संकेत समझा जा सकता है कि राज्य में अगर अगली सरकार बनती है तो उसमें राजद अहम भूमिका निभाने जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात हुई है।
गठबंधन में दरार की खबरों के बीज जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा से उसके सभी पुराने सहयोगी दूर हुए। गठबंधन को बनाए रखने की जिम्मेदारी भाजपा की है। नेताओं के मन में आज भी 2020 की टीस है। चुनाव में चिराग पासवान ने जद-यू को नुकसान पहुंचाया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा चुप रही। चिराग को रोकने के लिए उसकी तरफ से कुछ नहीं किया गया। चिराग ने नुकसान नहीं पहुंचाया होता तो जद-यू बिहार की सबसे बड़ी पार्टी होती।