बिहार : विधानसभा के शताब्दी समारोह में बोले राष्ट्रपति , ह्यूमन डेवलपमेंट के पैमानों पर एक अग्रणी राज्य बन सकेगा बिहार
सीएम नीतीश ने राष्ट्रपति को बिहारी कहा था, उसके जवाब में रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहारी कहा सुनकर खुशी होती है
कुमार कृष्णन
पटना: बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे सचिवालय के लोग कहते हैं कि बिहार से आमंत्रण आये तो आप टालमटोल नहीं करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा बिहार से राज्यपाल से ही नाता नहीं है बल्कि और कुछ है जिसे मैं ढूंढता रहता हूं। दरअसल सीएम नीतीश ने राष्ट्रपति को बिहारी कहा था, उसके जवाब में रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहारी कहा सुनकर खुशी होती है।
विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार। बिहार हमेशा इतिहास रचता है। आज बिहार ने इतिहास रचा है। बिहार विधानसभा ने 100 साल पूरे किये हैं। देश ने भी आज इतिहास रचा है। 100 करोड़ कोरोना वैक्सीनेशन का इतिहास, अबसे कुछ देर पहले रचा गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद हम सभी देशवासी दीपावली और छठ का त्यौहार मनाएंगे। छठ पूजा अभी ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्वस्तर पर अपना स्थान बनाया है। मुझे विश्वास है इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी मानदंड स्थापित करेंगे।
अंत में राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि प्रिय विधायकगण, राज्य की जनता आप सभी जनप्रतिनिधियों को अपना भाग्य विधाता मानती है और उनकी आशाएं और आकांक्षाएं आप सब जुड़ी है। मुझे विश्वास है कि आप सभी विधायक गण अपने आचरण और कार्यशैली से जनता की आशाओं को यथार्थ रूप देने का प्रयास करते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि सन 2047 तक यानी देश की आजादी के 100 वर्ष तक बिहार ह्यूमन डेवलपमेंट के पैमानों पर एक अग्रणी राज्य बन सकेगा।
विधानसभा में राज्यपाल फागू चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया।राष्ट्रपति ने इस दौरान विधानसभा परिसर में महाबोधि वृक्ष का शिशु पौधा लगाया।राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ के निर्माण का भी शिलान्यास किया।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने स्वागत भाषण में मंच से पांच संकल्प लिए। उन्होंने कहा कि हमारा समाज नशा मुक्त होगा। हमारा परिवार अपराध मुक्त होगा। हमारा परिवार दहेज मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल विवाह मुक्त होगा। हमारा परिवार बाल श्रम मुक्त होगा।
संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हमें समय दिया इसके लिए धन्यवाद। रामनाथ कोविंद जी का रिश्ता बिहार से खास रहा है, यह बिहार के राज्यपाल 2 वर्ष तक रहे और राज्यपाल रहते हुए सीधे राष्ट्रपति बने, इन्हें हम बिहारी भी कहते हैं। इनसे हमारा संबंध बहुत ही मधुर है। आपसे हमारा संबंध इतना मधुर है कि हम अक्सर कहते हैं असली बिहारी आप ही हैं। विश्व शांति स्तूप के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 2019 अक्टूबर में आए थे।
नीतीश कुमार ने कहा 22 मार्च 2009 से बिहार दिवस के रूप में हम लोगों ने कार्यक्रम मनाना शुरू किया। 2012 में 100 साल पूरा होने के बाद जो कार्यक्रम जबरदस्त हुआ, लेकिन इसी बीच में जो हमारे उस समय बिहार विधान परिषद के उस समय के जो माननीय पूर्व सभापति से स्वर्गीय तारा कांत झा जितना मेहनत किया तो हमेशा याद रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्यक्रमों को करते रहेंगे। अब तो अगली दफा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस तरह के कार्यक्रम में बुलाने की योजना है।
बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह धन्यवाद दिया। इसके बाद राष्ट्रधुन बजाई गई। समारोह में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को भाषण देना था, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया। वो भाषण के लिए तीन मिनट समय देने से नाराज बताए जा रहे हैं।