दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में सर्वसम्मति से ललन सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। वहीं केंद्रीय मंत्री आरसीपीसी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया है। जंतर-मंतर स्थित पार्टी कार्यालय में हो रही इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल थे।
कौन हैं ललन सिंह
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को कर्पूरी ठाकुर का शिष्य माना जाता है। वर्तमान में मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू के सांसद, नीतीश कुमार के संपर्क में 1970 के दशक में आए थे। ललन सिंह उन लोगों में शुमार हैं जिनके साथ मिलकर नीतीश कुमार ने जेडीयू पार्टी का बीज बोया था। लालू के खिलाफ और शरद यादव की नाराजगी मोल लेते हुए नीतीश ने जब अलग पार्टी बनाने की ठानी थी तो ललन सिंह, नीतीश कुमार के साथ थे। तब से वह नीतीश के साथ जुड़े हुए हैं, बीच में कुछ सालों के लिए दोनों के बीच मनमुटाव हुआ था लेकिन यह भी ज्यादा दिन नहीं चला था। ललन सिंह ने नीतीश कुमार के लिए कई बार संकट मोचक की भूमिका निभाई है। सियासी गलियारों में ऐसा भी कहा जाता है कि लोजपा के पशुपति कुमार से ललन सिंह ने ही चर्चा की थी। जिसके बाद पार्टी में बगावत के बीज फूटे थे। कई मौकों पर ललन सिंह नीतीश कुमार को मजबूती दे चुके हैं।
वहीं बैठक से पहले जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे आरसीपी सिंह ने कहा था कि 'नीतीश कुमार से उनके संबंध वर्षों से हैं और आगे भी रहेंगे। हमारे संबंध का कोई पैमाना नहीं है। वे हमारे नेता हैं और सालों तक उनके साथ काम किया है। आगे भी करेंगे। संगठन है तो पार्टी है। तभी मैं मंत्री और हमारे नेता मुख्यमंत्री हैं। मैं संगठन और मंत्री दोनों का काम मजबूती से करूंगा, लेकिन निश्चित रूप से पार्टी तय करेगी तो मैं यह जिम्मेदारी किसी मजबूत साथी को देने से पीछे नहीं हटूंगा।'