बिहार, कैमूर। किसी भी मामले का खुलासा करने के लिए सबूत का होना बहुत जरुरी होता है, क्यों कि सबूत के आधार पर घटना की पुष्टी हो सकती है लेकिन कभी-कभी सबूत के आभाव में दोषी बरी हो जाता है वही एक ऐसे गैंगरेप के मामले में एक बाल से बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल बतादें कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एफएसएल ने सिर के बाल का डीएनए जांच कर सबूत इक्ट्ठा किया है। बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाल की डीएनए जांच हुई हो। एफएसएल रिपोर्ट के बाद दुष्कर्म के आरोपितोंं की मुश्किलें बढ़नी तय है।
बतादें कि इस घटना को लेकर नवम्बर 2019 में मोहनियां में काफी बवाल हुआ था। मोहिनयां में एक नाबालिग के साथ चार लड़कों ने दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म का वीडियो बनाने के बाद उसे वायरल कर दिया गया। इस संबंध में कैमूर महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ वह कार भी बरामद कर ली जिसमें दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने का आरोप था। इसके बाद एफएसएल की टीम को साक्ष्य इक्ट्ठा करने के लिए बुलाया गया। तबतक घटना को करीब 10 दिन बीत चुके थे। फोरेंसिक डीएनए विशेषज्ञ द्वारा कार की बारीकी से जांच की गई। सैंपल के तौर पर कुछ बाल मिले जिसे कोर्ट की इजाजत से एफएसएल भेजा गया।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में तीन लोग आरोपित थे। इस मामले में एफएसएल में दो जांच की गई। बाल के डीएनए के अलावा वायरल वीडियो की भी जांच साइबर विशेषज्ञों ने की। इसमें भी यह पुष्ट हो गया कि वीडियो उसी कार की है जहां दुष्कर्म किया गया। डीएनए और वायरल वीडियो की साइबर जांच रिपोर्ट कैमूर पुलिस को भेज दी गई है।
एफएसएल वैज्ञानिकों के सामने बड़ी चुनौती थी क्योंकि बिहार में कभी भी बाल का डीएनए जांच नहीं हुआ था। विशेषज्ञों ने कार से जो बाल बरामद किए थे वह घटना के करीब 10 दिनों बाद लिया गया था। ऐसे बाल में जड़ का अंश काफी कम रहता है। बावजूद एफएसएल पटना की टीम ने डीएनए जांच की और यह पुख्ता करने में कामयाब रही कि कार में मिला बाल महिला का ही है।