मां ने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए दान की किडनी, लेजर टेक्निक से हुई IGIMS में सर्जरी

आईजीआईएमएस के किडनी विभाग में पहली बार किडनी दान करने वाले की किडनी लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी कर किडनी निकाली गयी।

Update: 2022-02-14 13:59 GMT

बिहार में एक मां ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए किडनी दान की है। बताया गया कि आईजीआईएमएस के किडनी विभाग में पहली बार किडनी दान करने वाले की किडनी लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी कर किडनी निकाली गयी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संस्थान में यह पहला केस है, जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। इस सर्जरी में दो घंटा समय लगा। आईजीआईएमएस अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि दूरबीन विधि से डोनर से किडनी निकालने के दौरान बहुत ही छोटा छेद किया गया, जिसके बाद अन्य प्रक्रिया को अपनाते हुए सफलतापूर्वक किडनी निकाली गई।

बता दें कि सीवान की रहने वाली 37 वर्षीय अनिता देवी ने अपने 22 वर्षीय बेटे के लिए किडनी दान की। दान करने के कुछ ही देर बार बेटे का किडनी प्रत्यारोपण किया गया। दूरबीन विधि से किडनी निकालने वाली टीम में किडनी विभाग के डॉ. रोहित उपाध्याय, डॉ. ए अहमद और डॉ. नितेश कुमार शामिल थे। नेतृत्व एम्स नई दिल्ली के किडनी विशेषज्ञ डॉ. शिनू ने किया।

डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि किडनी निकालने में कम समय लगा। इस विधि से सर्जरी होने पर डोनर को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई। बहुत जल्द छोटा छेद ठीक हो जाता है और डोनर फिर से अपने काम पर लग जाता है। वहीं, मरीज को किडनी लगाने के लिए बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता है। डोनर और मरीज दोनों फिलहाल स्वस्थ हैं।   

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