शनिवार को मुज़फ़्फ़रपुर के 'सेवा संकल्प बालिका गृह' में हुए बलात्कार पीड़िता बच्चियों ने अपने टेस्टिमोनी में कहा है. जिन बच्चियों ने बातें कहीं हैं उनकी उम्र सात से दस साल के बीच है ⁃ आंटी कहती थी 'कीड़े की दवाई' है और खाना में मिला कर देती थी. दवा खाते ही नींद आने लगती थी. सुबह को जब आँख खुलती थी तो हमारे कपड़े फ़र्श पर फेंके हुए दिखते थे. हम नंगे होते थे बिस्तर पर.
⁃ ब्रजेश अंकल हम को अपने ऑफ़िस में ले जाते थे. वहाँ जा कर हमारे प्राइवेट पार्ट को इतने ज़ोर से स्क्रैच करते थे कि ख़ून निकल आता था.
⁃ खाना खिला कर हमें ब्रजेश अंकल के रूम में ज़बरदस्ती भेजा जाता था. वहाँ रात को कोई मेहमान आने वाला होता था.
⁃ जब हम गन्दा काम (सेक्स) के लिए मना करते थे तो हमारे पेट पर आंटी लात से मारती थी.
⁃ हमें कई रोज़ भूखा रखा जाता था. खाना माँगने पर गर्म तेल और गर्म पानी हम पर फेंक देती थी आंटी.
अब तक 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है । समाजसेवी गोविन्द कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार में मंत्री मंजू वर्मा के पति इस दुष्कर्म में शामिल है । यह बहुत ही शर्मनाक , दर्दनाक तथा चिंताजनक विषय है । जिस दिन बृजेश ठाकुर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हुई उसी दिन उन्हें पटना में मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत एक और अल्पावास का टेंडर दे दिया गया और यह सबकुछ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नाक के नीचे होता रहा और वे ये सब चुपचाप देखते रहे।
समाजसेवी गोविन्द कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 41 लड़कियां निर्भया बन गयी है , बल्कि बिहार में हर दिन दिल्ली की निर्भया कांड जैसी घटना हो रही है ,यह बिहार सरकार के लिए शर्म की बात है । बिहार में शुशासन नही दुशासन बाबू की सरकार है ।
समाजसेवी गोविन्द कुमार ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हुु की समाज कल्याण मंत्री मंजु वर्मा का तुरंत इस्तीफा ले और ब्रजेश ठाकुर जैसे समाज के भेड़ियों को तुरंत फाँसी की सजा दी जाए ताकि बिहार की बेटियाँ खुले में साँस ले सके ।