बिहार सरकार की दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए एक नई पहल
भविष्य में कोई भी कंपनी बिहार में नया उद्योग लगाती है तो उसमें 20% कर्मचारी बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को रखना अनिवार्य होगा.
बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए एक नई पहल की है. जिसके मुताबिक अगर कोई कंपनी बिहार में उद्योग लगाती है तो एक साल के लिए 20 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों को काम पर रखना अनिवार्य होगा.
इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए बिहार सरकार में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि राज्य सरकार की नई बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि भविष्य में कोई भी कंपनी बिहार में नया उद्योग लगाती है तो उसमें 20% कर्मचारी बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को रखना अनिवार्य होगा.
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा, "नए प्रावधान के अंतर्गत बिहार में जो भी नए उद्योग लगेंगे, उसमें 20% प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा. उद्यमियों के लिए कम से कम एक साल तक इस प्रावधान का पालन करना जरूरी होगा."
बिहार मंत्री परिषद द्वारा शुक्रवार को संपन्न हुए बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 में इन संशोधनों को स्वीकृत किया गया है-
1. नीति की प्रभावी अवधि को वर्तमान से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक कर दिया गया है.
2. कोविड-19 के कारण उत्पन्न समस्या के निराकरण हेतु निम्न नए प्रावधान समावेशित किए गए हैं
राज्य के बाहर में अव्यवस्थित उद्योगों के बिहार में स्थानांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज लाया गया है:
यह प्रोत्साहन पैकेज 1 वर्ष के लिए वैद्य होगा.
इस पैकेज के तहत प्लांट और मशीनरी के स्थानांतरण और उनके स्थापना पर हुए व्यय के 80% की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
साथ ही कच्चे माल के परिवहन पर हुए खर्च का 80% की प्रतिपूर्ति की जाएगी. इसके अतिरिक्त एक वर्ष के लिए ईपीएफ में कर्मियों का योगदान तथा नियोक्ता का योगदान 12% तक प्रतिपूर्ति की जाएगी.