भागलपुरी सिल्क साडिय़ों में दिखेंगी एयर होस्टेस, बुनकरों में खुशी
बिहार के बुनकरों के लिए खुशखबरी है। एयर इंडिया ने स्वीकृति दी है कि अब भागलपुरी सिल्क साडिय़ों में दिखेंगी एयर होस्टेस ।लिहाजा भागलपुरी सिल्क साडिय़ों में नजर आएंगी। वे सुनहरे रंग की साड़ी पहनेंगी जबकि ब्लाउज का रंग होगा लाल ।
शिवानंद गिरि
पटना,एयर इंडिया की विमान सेवा में एयर होस्टेस अब भागलपुरी सिल्क साडिय़ों में नजर आएंगी। वे सुनहरे रंग की साड़ी पहनेंगी जबकि ब्लाउज का रंग लाल होगा। केंद्रीय खादी-ग्रामोद्योग आयोग के प्रस्ताव को एयर इंडिया के अधिकारियों ने स्वीकृति दे दी है। पहले चरण में एयर इंडिया को खादी ग्रामोद्योग आयोग से 13,220 साडिय़ों की आपूर्ति की जाएगी। साडिय़ां मुख्य रूप से भागलपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में तैयार की जाएंगी। एक साड़ी की कीमत 4500 रुपये है।
15 संस्थाएं कर रहीं राज्य में उत्पादन
बिहार राज्य खादी बोर्ड के सीईओ बीएन प्रसाद ने बताया कि एयर इंडिया में भागलपुरी सिल्क साडिय़ों की आपूर्ति होने से राज्य के बुनकरों को बड़ा बाजार मिलेगा। भागलपुरी सिल्क का प्रचार-प्रसार भी होगा। राज्य में 15 खादी संस्थाओं द्वारा भागलपुरी सिल्क साडिय़ों का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से भागलपुर, जमुई एवं बांका के केंद्र शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
भागलपुर रेशम बुनकर खादी ग्रामोद्योग संघ के सचिव अलीम अंसारी का कहना है कि एयर इंडिया में साडिय़ों की आपूर्ति का ऑर्डर मिलने से प्रदेश की खादी संस्थाओं को मजबूती मिली है। इस प्रकार की साडिय़ां देश के अन्य राज्यों में नहीं तैयार की जाती हैं। इन साडिय़ों की बड़ी विशेषता है कि इसकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है। साड़ी लंबे समय तक चलती हैं और पुरानी होने के बावजूद रंग खराब नहीं होता है।
वे बतातें हैं कि भागलपुरी सिल्क साडिय़ां कोकून के धागों से तैयार की जाती हैं। ये साडिय़ां पर्यावरण के अनुकूल होती हैं। इन्हें पहनने पर शरीर में किसी प्रकार की प्रतिक्रिया (रिएक्शन) नहीं होती है। आरामदायक भी होती हैं। सरकार के इस फैसले से बुनकरों में भी खुशी की लहर दौड़ गयी है।लीगों ने उम्मीद जताई है कि यदि ऐसा और जगह भी हो तो भागलपुर का दम तोड़ता यह उद्योग नया मुकाम पा लेगा।