बिहार : शेखपुरा में विधानसभा 2020 का चुनावी संग्राम होगा दिलचस्प, महागठन्धन और एनडीए में होगा कांटे का टक्कर
शेखपुरा(ललन कुमार) : इस बार 2020 का बिहार विधान सभा के चुनाव में शेखपुरा विधानसभा 169 और बरबीघा विधानसभा 170 में चुनावी संग्राम दिलचस्प होने की संभावना जताई जा रही है । महागठबंधन के प्रत्याशी और एनडीए के प्रत्याशी में कांटे का संघर्ष होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है ।इस बार एनडीए को सोच-समझकर शेखपुरा विधानसभा में टिकट यदि नहीं देती है तो उसे हार का मुंह देखना पड़ सकता है। जिस तरह से महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी ने जनसंपर्क के अभियान के दौरान अपने चुनावी शतरंज के मोहरे बिछा रखे हैं उससे अनुमान यही लगाया जा रहा है कि एनडीए को इस बार सोच समझकर टिकट का वितरण शेखपुरा विधानसभा में किया जाना चाहिए। वर्ष 2010 और 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी की लहर रहने के चलते एनडीए का चुनावी जीत का सफर आसान था लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में शेखपुरा और बरबीघा विधानसभा में ऐसी बात देखने को नहीं मिल रहा है। आपको बता दें कि महागठबंधन से शेखपुरा विधानसभा में प्रबल चेहरे जो सामने आ रहे हैं उसमें राजद के विजय सम्राट, विकासशील इंसान पार्टी के पप्पू चौहान ,रालोसपा के जितेंद्र नाथ, देवेन मुखिया समेत अन्य शामिल हैं। जबकि एनडीए में स्थानीय विधायक रणधीर कुमार सोनी, रिंकू देवी, भुनेश्वर प्रसाद, ललन प्रसाद समेत अन्य दावेदार हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो क्षेत्र का विश्लेषण के बाद तो एनडीए में रिंकू देवी का क्षेत्र में जनता का रुझान ज्यादा दिख रहा है।
इस परिस्थिति में एनडीए को इस बार विधानसभा के चुनाव में जरा सोच समझ कर कदम उठाना होगा। वर्ष 2005 में जदयू ने रिंकू देवी को प्रत्याशी बनाया था। 15 फरवरी 2005 को हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस सांसद राजो सिंह की बहु सुनीला देवी को शेखपुरा विधानसभा में सहानुभूति वोट 32198 वोट मिलने से 16413 वोटों से जीत हुई थी जबकि रिंकु देवी 15785 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रही। वहीं वर्तमान विधायक रणधीर कुमार सोनी को निर्दलीय रूप में 10185 वोट मिले थे। चूँकि 9 सितम्बर 2005 को शाम 7 बजे बदमाशो ने तत्कालीन कांग्रेस सांसद राजो सिंह की हत्या कर दी थी जिसको लेकर उनकी बहू सुनीला देवी को लेकर सभी दलों से लेकर सहानुभूति थी और उनकी जीत हुई थी। तत्कालीन लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के चलते जब चुनाव के बाद भी सरकार बिहार में नही तो एकबार फिर दोबारा बिहार विधानसभा चुनाव 26 अक्टूबर 2005 को हुई। इसबार शेखपुरा विधानसभा से कांग्रेस फिर सुनीला देवी को चुनाव में उम्मीदवार बनाया और सुनीला देवी को 35976 वोट मिला और वह चुनाव जीत गई। जबकि जदयू इसबार अपना उम्मीदवार विजय कुमार को बनाया था और विजय कुमार को 14834 वोट मिले थे जबकि रिंकु देवी 23528 वोट मिले थे और वह दूसरे स्थान पर रही थी।
लालू प्रासाद यादव के जंगल राज की चर्चा चरम पर थी ।लोग राज्य में बदलाव चाहते थे। इसबीच एनडीए नीतीश कुमार के सुशासन वाली छवि को आगे रख कर चुनाव लड़ा। नीतीश की पूरे राज्य में ऐसी चुनावी लहर बनी कि वर्ष 2010 के चुनाव में नीतीश कुमार जिस किसी अदना आदमी को टिकट दे देते तो वह भी चुनाव जीत जाता। ऐसा ही शेखपुरा विधानसभा में हुआ। जुगाड़ टेक्नोलॉजी से वर्ष 2010 में वर्तमान विधायक रणधीर कुमार सोनी जदयू का टिकट लेने में कामयाब हो गए। इधर सुनीला देवी को कांग्रेस फिर शेखपुरा विधान सभा का उम्मीदवार बनाया। चुनाव के बाद 9 नवम्बर 2010 को मतगणना हुई। इस दौरान जदयू से उम्मीदवार बने रणधीर कुमार सोनी को नीतीश जी के लहर के चलते 31507 वोट मिले। जबकि कांग्रेस की सुनीला देवी को 24165 वोट मिले। सुनीला की हार 7342 वोट हो गई सुनीला दूसरे स्थान पर रही।
बिहार में नीतीश की सरकार बन गई। विकास को गति दी जाने लगी। विकास की गाड़ी नीतीश कुमार के एनडीए में रहने के चलते तेजी से आगे बढ़ने लगी। नीतीश कुमार के विकास की लहर पर फिर एक बार 2015 के शेखपुरा विधानसभा में जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी सवार हो गए और चुनाव जीत गए। लेकिन 2020 के आगामी चुनाव में परिदृश्य बदला बदला हुआ। स्थानीय विधायक की कार्यशैली अहमभरा रहने के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि भी खराब हुई। जिससे शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र की जनता में आक्रोश है। इसबार एनडीए प्रत्याशी नहीं बदला तो इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना पड़ेगा।
इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शेखपुरा जिला के जदयू पर्यवेक्षक विपीन कुमार यादव के द्वारा आगामी 2020 के विधानसभा चुनाव को लेकर रिंकु देवी को बरबीघा स्थित जदयू पार्टी कार्यालय में पार्टी की बैठक में बुलाना और मुख्यमंत्री के निर्देशों से अवगत कराना और स्थानीय विधायक रणधीर कुमार सोनी को बैठक से अनुपस्थित रहना कहीं न कहीं तो इशारे है। इसकी चर्चा भी चरम पर है।
वहीं शेखपुरा विधानसभा 169 में महागठन्धन से प्रत्याशी बनने के दावे भी चरम पर है। राजद से विजय सम्राट, वीआईपी पार्टी से पप्पू चौहान,रालोसपा से जितेंद्र नाथ,देवन मुखिया, कांग्रेस से शिवशंकर प्रसाद समेत अन्य शामिल है। जनसम्पर्क के दौरान जो परिदृश्य दिखलाई पड़ा है उसमें विजय सम्राट और पप्पू चौहान की ओर जनता का रुझान देखा जा रहा है। सभी संभावित प्रत्याशी टिकट की जुगाड़ में भिड़े हैं। टिकट का कन्फ्रेमेशन नही हो पाने से सभी असमंजस की स्थित में है। आपको बता दें कि 2015 में विजय सम्राट जनाधिकार पार्टी से शेखपुरा विधान सभा 169 से उम्मीदवार बनाए गए थे। इस चुनाव में उन्हें 18227 वोट मिलने के बाद वे 4 थे नम्बर पर रहे।