हाल ही बीजेपी के मीडिया प्रभारी द्वारा दिवा भोज का आयोजन किया गया था उसमें पार्टी के अधिकांश बड़े नेता मौजूद थे ।हंसी मजाक का दौर चल रहा था इसी दौरान बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि संतोष जी इतना बड़ा लिखते हैं फिर भी पढ़ना पड़ता है आज कल हम लोगों के पीछे पड़े रहते हैं वैसे ये भी संघ परिवार से आते हैं।
तभी एक पूर्व विधायक और पार्टी के प्रवक्ता हंसते हुए उस बातचीत में शामिल हो गये और कहा संतोष जी जल्द ही हमारे साथ आ जायेंगे जिस दिन जदयू और भाजपा की सरकार राजद से हटने के बाद बनी थी उसी दिन इन्होंने कहा था आज से बीजेपी वीट छोड़ रहे हैं और अब हम आपके दफ्तर में उसी दिन आयेंगे जब आप विपक्ष में होंगे, क्या संतोष जी समय तो आ रहा है इतना कहना था कि हम सब लोग एक साथ हंसने लगे।
बात आयी गयी लेकिन कल बीजेपी के एक सीनियर नेता का फोन आया इनका फोन आने का मतलब होता है कुछ ना कुछ बात गंभीर है संतोष जी कैसे हैं ठीक है सर ये BPSC प्रश्न पत्र लीक मामला क्या है आर्थिक अपराध इकाई ने जो खुलासा किया है उससे आप सहमत है।
सर आर्थिक अपराध इकाई जो प्रेस रिलीज जारी किया है उससे बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है सारी कार्यवाही उस गैंग के खिलाफ की गयी है जो प्रश्न पत्र का हल करके छात्रों को भेजता है लेकिन उस तक प्रश्न पत्र कहां से पहुंचता है ये अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है ,फिर वैशाली के जिस शिक्षक को आर्थिक अपराध इकाई गिरफ्तार किया है वही व्यक्ति रंजीत कुमार सिंह और छात्र नेता दिलीप को भी प्रश्न पत्र लीक होने कि सूचना दिया था, इसकी गिरफ्तारी समझ से पड़े हैं वैसे इसकी गिरफ्तारी बड़ी मछली के शामिल होने का भी इशारा कर रहा है। चलिए नजर बनाये रखिए वैसे राज काज कैसा चल रहा है, सर आपसे बेहतर कौन जानता है लेकिन एक बात अब समझ में आने लगा है जो हाल बिहार में लालू प्रसाद के साथ रहते कांग्रेस का हुआ, वही हाल जदयू के साथ रहते बीजेपी का होते जा रहा है यह साफ दिखने लगा है । अरे संतोष जी क्या बात कर रहे हैं आपकी प्रतिक्रिया को हम लोग हलके में नहीं लेते हैं,सही कह रहे हैं सर आपका आधार वोट वैसे ही आपसे दूरी बनाये जा रहा है जैसे कांग्रेस से बना लिया। कैसे संतोष जी देखिए कहने को सुशासन और कानून का राज है व्यापारी वर्ग आज भी उसी तरह परेशान है जैसे लालू राज में परेशान था 15 वर्षो में जितने व्यापारी की हत्या हुई है उसका आंकड़ा उठा लीजिए और लालू प्रसाद के 15 वर्षो के कार्यकाल में जितने व्यापारी की हत्या हुई थी उसका आंकड़ा उठा लीजिए। संतोष जी आप कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हैं सर ज्यादा बोलने कि बात कहां है 2020 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े को देख लीजिए आपसे बनिया वोटर दूरी बना लिया है दूसरा आधार वोट आपका सवर्ण है वो भी बनिया की तरह ही छला हुआ महसूस कर रहा है ।नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यकाल में उन्हें क्या मिला पहले की तरह हर प्रतियोगिता परीक्षा में उसी तरह की गड़बड़ी हुई जिसके लिए लालू का राज बदनाम था ।
सांसद और विधायक के टिकट को लेकर आप देख लीजिए किस तरीके से सवर्णों का प्रतिनिधित्व एक साजिश की तहत कम की जा रही है और ऐसे नेता को आप लोग तवज्जो दे रहे हैं जिसका कोई सामाजिक आधार नहीं है , शिक्षा का हाल देख ही रहे हैं ,कब तक लालू का भय दिखा कर इसके मूलभूत अधिकार से वंचित करते रहिएगा। अधिकारियों के पोस्टिंग को ही देखिए लालू राज वाला ही नजरिया है यह कब तक सहता रहेंगा ।ठीक है बोचहा उप चुनाव वाली बात मुख्य चुनाव में नहीं होगा लेकिन संकेत आपके लिए सही नहीं है । आपकी जिम्मेवारी बनती थी कि जो आपका परम्परागत वोटर है उसके अधिकारी के साथ खड़े रहे लेकिन ऐसा 15 वर्षो के दौरान कही नहीं देखने को मिला है । सवर्ण की नयी पीढ़ी है ये अब महसूस करने लगा है हिन्दू मुसलमान पर जीतना दिन खीच लीजिए हाल आपके पार्टी का भी कांग्रेस वाला ही होने वाला है यह साफ दिख रहा है वही जब से नित्यानंद के नाम की चर्चा शुरू हुई है उस दिन से तो सच में गांव गांव में चर्चा होना शुरू हो गया है कि नित्यानंद तो तेजस्वी क्यों नहीं ऐसे में ये दो आधार वोटर साथ छोड़ दिया तो फिर क्या होगा सोच लीजिए। ऐसा नहीं है संतोष जी ये सही है कि 15 वर्षो के दौरान कुछ वर्ष को छोड़ दे तो हम लोग सरकार में रहे हैं उस दौरान इन लोगों का ख्याल नहीं रखा गया ऐसा नहीं है लेकिन सवाल यह है ना कि जितनी हिस्सेदारी बनेगी उतना ही मिलेगा ना । उसमें कोई कमी नहीं किया गया है लालू राज में क्या हाल था। सर लालू राज में हिंसा हुई हिंसा के बदले हिंसा हुई जन और धन का जो भी नुकसान हुआ हो लेकिन उस दौर में जो गांव छोड़कर बाहर निकला एक सच्चाई यह भी है कि आज वो पढ़ाई लिखाई और व्यापार में काफी आगे निकल गया है। अभी तो हाल यह है कि कुछ बोल भी नहीं सकते लेकिन आक्रोश बढ़ रहा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता और इसका असर चुनाव पर पड़ेगा संतोष जी आपकी ये बात सवर्णवादी मानसिकता को दर्शा रही है ऐसा नहीं है सर। और सब ठीक है संतोष जी सर ठीक है बच्चों का पढ़ाई लिखाई ठीक से चल रहा है जी सर ठीक है आते हैं पटना तो आइए मिलने बहुत दिन हो गया है आमने सामने बैठ कर बात किये हुए ,वैसे चिंता करने की बात नहीं है सब ठीक हो जायेगा हाहाहाहा ऐसा क्या है राजनीति आपकी खेती है मेरी नहीं जो दिख रहा है बस वही बोल रहा हूं वैसे आपकी मर्जी नमस्ते सर जल्द मिलते हैं ।