बिहार में UPA और NDA में होगी एक एक सीट पर सीधी टक्कर, जीतना एनडीए के लिए भी उतना आसान नहीं जितना समझ रही है BJP
बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बनी हुई है. इस पर कई पार्टियाँ में उठापठक मची हुई है. जिसमें कई पार्टियाँ अपना बोरा बिस्तर समेटे किस ग्रुप में जाएँ राह देख रही है. लेकिन इसमें अभी भी कई रुकावटें बनी हुई है. जिस दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पटना के गांधी मैदान में रैली का आयोजन किया और उसमें आई भीड़ देखकर लोगों की मंशा एक बार फिर डोलती नजर आरही है.
चूँकि पिछले तीस साल के इतिहास के बाद अर्थात पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मौत के बाद पहली बार कांग्रेस की पहली सफल रैली आयोजित करने का श्रेय अब राहुल गाँधी को मिल रहा है. इतनी भीड़ न उनके पिताजी राजीव गाँधी इकठ्ठी कर सके न हीं उनकी माँ सोनिया गांधी कभी इकठ्ठी कर सकीं. इस बात पर एनडीए के दो मजबूत स्तंभ बीजेपी और जदयू में भी कुछ नाराजगी नजर आई और रैली के कुछ देर बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की तारीफ़ के पुल बांधे. इसके बाद एक तंज भी कसा कि उन्होंने लालूप्रसाद यादव का साथ देकर अपने को कमजोर साबित किया है.
अब इस रैली के बाद बिहार में कई पार्टियाँ इस इन्तजार में है कि अब किस और जाया जाय इनमें बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव, समेत कई बड़े नेता अभी इनकी और देख रहे है. इसके बाद में अब बिहार में अब तक कांग्रेस का कोई मालिक नहीं था अब बिहार में वो कांग्रेस नहीं अब जीवित कांग्रेस है. इस बार बिहार में कांग्रेस की कुछ सीटें जरुर बढ़ जायेंगी लेकिन सवाल यह है कि सीटें तो उतनी ही है लेकिन कांग्रेस के जितने से बिहार में एनडीए की सीटें कम जरुर होंगी तो जो अब तक सर्वे आ रहे है उनमें कहीं न कहीं कोई अनहोनी जरुर होगी. सत्ता का नशा किस पार्टी पर हावी होगा यह तो आने वाला समय बतायेगा.