बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक राजीव रंजन को बीजेपी ने किया पार्टी से निष्काषित

राजीव रंजन ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने त्याग पत्र में लिखा है कि मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं.

Update: 2022-12-30 09:45 GMT

बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक राजीव रंजन को अगले छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। उन पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगा था। जबकि उन्होंने इससे पहले अपना इस्तीफा दे दिया था। 

राजीव रंजन बोले 

बिहार भाजपा को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार भाजपा के प्रवक्ता व मीडिया विभाग का प्रभारी राजीव रंजन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन इससे पहले जदयू में थे. राजीव रंजन ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने त्याग पत्र में लिखा है कि मैं पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हूं. साथ ही आपसे अनुरोध है कि इस त्यागपत्र को स्वीकार कर मुझे पार्टी प्रदत दायित्वों से मुक्त करें.

मोदी के बताये मार्ग से भटक चुकी है भाजपा

राजीव रंजन ने प्रदेश अध्यक्ष को भेज अपने इस्तीफे में लिखा है कि खेद पूर्वक कहना है कि बिहार भाजपा आज प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है. प्रधानमन्त्री जी के 'सबका साथ-सबका विकास' की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है. आज पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं.

पार्टी में पिछड़ों की उपेक्षा

राजीव रंजन ने लिखा है कि हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं. इनके चहेते चंद नेताओं के अतिरिक्त पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं का उपयोग केवल झंडा ढ़ोने तक ही सीमित कर दिया गया है, जो प्रधानमन्त्री मोदी की नीतियों की सरासर उपेक्षा है.

भाजपा की नीतियां पटना तक सिमित

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जानेवाले राजीव रंजन ने आरोप लगाया है कि पार्टी के एजेंडा सिर्फ और सिर्फ पटना तक ही सीमित रह गया है. नालंदा जिले की बात तक नहीं होती. यह सरासर नालंदा व अन्य जिलों की उपेक्षा है. क्षेत्र में जनता द्वारा पूछे जाने पर हम जवाब तक नहीं दे पाते. इसके अतिरिक्त और भी विषय हैं जिनपर मेरा पार्टी से मतैक्य नहीं है.

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