बिहार में बीजेपी शिखंडी की आड़ लेकर करेगी भीष्म का संहार!
क्योंकि शिखण्डी की ओट लेकर पांडवों को कुरु सेनापति भीष्म का वध कराना था।
राजेंद्र चतुर्वेदी
महाभारत में जो भूमिका शिखण्डी की थी, बिल्कुल वही भूमिका बिहार में चिराग की है। हालांकि चिराग और शिखंडी की परिस्थितियों में अंतर है। उधर, महाभारत में शिखण्डी को शिखण्डी की भूमिका पांडवों ने दी थी, क्योंकि शिखण्डी की ओट लेकर पांडवों को कुरु सेनापति भीष्म का वध कराना था।
इधर, बिहार में चिराग को चिराग की भूमिका कुरु कुल ने ही दी है, पांडवों ने नहीं। यहां याद रखिए कि कुरूकुल के निशाने पर अपना ही सेनापति है, अपना ही भीष्म है। भीष्म यानी नीतीश कुमार। यानी उस समय के एनडीए के नेता, जब आज के भाजपा नेताओं की एनडीए में बिल्कुल बकत नहीं थी। कोई महाराष्ट्र तक सीमित था, तो कोई यूपी, बिहार, गुजरात, राजस्थान तक।
उस समय के एनडीए में जो नेता शामिल थे, यानी जॉर्ज फर्नांडिस, बाल ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी, राम विलास पासवान, आप जानते ही हैं कि आज ये कहां हैं। इनके अलावा उस समय के एनडीए में जो अन्य नेता शामिल थे यानी प्रकाश सिंह बादल, लालकृष्ण आडवाणी, शरद यादव, आदि। आप जानते ही हैं कि आज इनकी क्या हैसियत है।
यानी एनडीए में एकमात्र भीष्म नीतीश कुमार। भीष्म बोले तो सबसे सीनियर। महाभारत में शिखण्डी की रणनीति भी स्पष्ट थी, यहां चिराग की भी है। वहां शिखण्डी को धनुर्धर अर्जुन को अपने पीछे छिपाना था, यहां चिराग को उन सीटों पर उम्मीदवार लड़ाने है, जहां जहां भीष्म के उम्मीदवार उतरेंगे। यानी चिराग चाहे अपने उम्मीदवार जिता लें, चाहे पांडव कुल यानी महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीत जाने दें। लेकिन भीष्म के उम्मीदवारों को हराने का जिम्मा उन पर डाल दिया गया है।
बिहार की भावी तस्वीर को समझने के लिए हमें तीन सवालों के जवाब खोजने होंगे।
1- क्या चिराग भीष्म के उम्मीदवारों को हराने में कामयाब होंगे, वे कितने उम्मीदवार हरा पाएंगे?
2-क्या भीष्म अपने ही कुरूकुल के उम्मीदवारों को हराने का काम करेंगे?
3-क्या पांडव कुल ईमानदारी से इलेक्शन लड़ रहा है?
अगर उक्त तीनों सवालों का जवाब हां है, तो बिहार में अगली सत्ता पांडव कुल की। अगर पहले सवाल का जवाब हां है और दूसरे और तीसरे का न, तो कोई कुरु पुत्र ही राज्य का सीएम होगा, भीष्म सत्ता से बाहर खड़े दिखेंगे। अगर पहले और तीसरे सवाल का जवाब न है, और दूसरे का हां, तो भीष्म को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता।
सवालों के जवाब मिलने दो, फिर करेंगे भविष्यवाणी।
अब बात मध्यप्रदेश की।
भोपाल के भेल दशहरा मैदान में चुनाव प्रचार के लिए सजी धजी भाजपा की कोई दो दर्जन गाड़ियां खड़ी हुई हैं। अपन ने ध्यान से देखा, पहले सड़क पर खड़े खड़े देखा, फिर पास जाकर देखा, फिर एक एक गाड़ी को देखा। इन गाड़ियों पर जो पोस्टर लगे हैं, उनमें एक तरफ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और माननीय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा का फोटो है, जबकि दूसरी तरफ अपना मामा वीडी शर्मा के साथ पोस्टर की शोभा बढ़ा रहा है।
मध्यप्रदेश की बस इतनी सी ही खबर थी, जो बताने लायक थी।
हो सकता है कि पोस्टर पर श्री अमित भाई शाह और श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का फोटो बाद में छपे। हालांकि पोस्टरों पर किसी फोटो लायक जगह बची नहीं है।