स्पेशल सर्वे का कार्य पूरा हो जाने से भूमि विवाद को लेकर कम से कम झगड़ा होगा- नीतीश कुमार
कुमार कृष्णन
पटना।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और आधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह की ओर से मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया।
उन्होंने स्पेशल सर्वे फेज-1,फेज-2 एवं फेज-3 विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्पेशल सर्वे फेज -1 के तहत 20 जिले, 89 अंचल,207 कैम्प और 5228 गावों में सितंबर 2020 से काम आरंभ किया गया है।स्पेशल सर्वे फेज -2 के तहत 20 जिले, 90अंचल,197 कैम्प और 4668 गावों में जुलाई 2021 से काम आरंभ किया गया है। स्पेशल सर्वे फेज -3 के तहत 18 जिले, 114 अंचल और 10,000 गावों में जनवरी 2022 से काम आरंभ किया जाएगा। स्पेशल सर्वे का काम दिसम्बर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न ऑन लाईन सर्विसेस के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम' की जब शुरूआत की गयी तो उसमें ज्यादातर भूमि विवाद से जुड़े मामले आते थे।इस पर विचार विमर्श किया गया और कानून बनाया गया। सरकार ने भूमि सुधार के मामले के निष्पादन के लिए कई कदम उठाए हैं।उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आबादी ज्यादा है और क्षेत्रफल कम है, जिसके कारण यहां की परिस्थितियां अलग हैं। हमलोगों ने तय किया कि यहां जमीन का स्पेशल सर्वे किया जाएगा। इसमें एरियल सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्पेशल सर्वे का कार्य पूरा हो जाने से भूमि विवाद को लेकर कम से कम झगड़ा होगा और लोगों का कल्याण होगा। भूमि विवाद की समस्याओं के निराकरण के लिए सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी और थानेदार संयुक्त रुप से लोगों के साथ बैठक करते हैं। 15 दिनों में एक दिन एसडीओ और एसडीपीओतथा महीने में एक दिन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बैठक कर समस्याओं का निराकरण करते हैं। इसमें नई तकनीक का उपयोग करें और विभाग के स्तर से इसकी मॉनीटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेशल सर्वे कार्य के दौरान जो फाइनल ड्राफ्ट बनेगा उसका मुख्यालय से एवं जिलाधिकारी के स्तर से भी मॉनिटरिंग कर चेक करा लें, ताकि कहीं कोई त्रुटि न रह जाए। यह सुनिश्चित करें कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो।
बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, अध्यक्ष – सह- सदस्य राजस्व पर्षद श्री संजीव कुमार सिन्हा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री विवेक कुमार सिंह, गृह-सह-मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस० सिद्धार्थ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, निदेशक, लैंड रिकॉर्ड एण्ड सर्वे श्री जय सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।