तेजस्वी यादव के इस ट्वीट से कांग्रेस खफा, बिहार में मुश्किल हुई महागठबंधन की राह!
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्वीट के बाद महागठबंधन में तल्खी बढ़ गई है. महागठबन्धन में सीटों का पेंच फंस गया है?
पटना : बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन की राह मुश्किल होती दिख रही है. राजद के तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'संविधान और देश पर अभूतपूर्व संकट है. अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चूक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता? अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे.'
संविधान और देश पर अभूतपूर्व संकट है। अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चुक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता? अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2019
इस ट्वीट के बाद महागठबंधन में तल्खी बढ़ गई है. महागठबन्धन में सीटों का पेंच फंस गया है. तेजस्वी के ट्वीट से कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी नाराज हैं. उनकी नाराजगी को देखते हुए तेजस्वी आज राहुल से मिल सकते हैं . बता दें रालोसपा 5 सीटों पर अड़ी है और कांग्रेस उपेन्द्र कुशवाहा को 5 सीटें देने को तैयार नहीं है.
बता दें बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने यहां शनिवार को कहा कि हम पार्टी राज्य की पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पांच सीटों की मांग रखी है. मांझी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'बिहार में हम का कांग्रेस से ज्यादा जनाधर है. हमने पांच सीटें मांगी हैं, तीन-चार सीटों पर सहमति बन गई है, परंतु कुछ सीटों पर अभी गतिरोध है.'
उन्होंने कहा, 'क्षेत्र के जातीय समीकरण के आधार पर पांच सीटों की मांग की गई है. 'हम' को पांच सीटें मिल जाती हैं तो समस्या समाप्त हो जाएगी.' पांच सीटें नहीं मिलने की स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा कि उसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी. मांझी ने हालांकि यह भी कहा कि 18 मार्च को हर हाल में महागठंबधन द्वारा सीटों की घोषणा कर दी जाएगी.महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, लोकतांत्रिक जनता दल और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं.