6 साल 6 महीनों में भी नहीं बन सका बिहार का यह पुल, खर्च हो चुकी है अब तक 859.37 करोड़ से ज्यादा धनराशि
बीते 78 माह यानी कि 6 साल 6 माह से चल रहे भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन दूसरा सबसे बड़ा अगुवानी घाट-सुल्तानगंज गंगा ब्रिज का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। पुल का निर्माण साढे चार साल में ही होना था, मगर एजेंसी को कई बार पुल निर्माण में तेजी लाने के लिए मोहलत दी जा रही है। पुल का निर्माण खगड़िया प्रमंडल के पुल निर्माण निगम के देखरेख में किया जा रहा है। बार-बार समय दिए जाने के चलते आलम यह है कि एजेंसी को पांचवीं बार डेडलाइन मिली वह भी फेल हो गई। अब पुन निर्माण निगम ने एजेंसी को 30 मार्च 2023 तक निर्माण करने की समय दी है। इस संदर्भ में शनिवार को निर्देश जारी हो गया है।
ठेका एजेंसी को 01 नवंबर, 2019 के बाद से ही पुल बनाने के लिए समय दी जा रही है। पांचवीं संभावित अवधि 30 दिसंबर तय थी। गंगा अक्तूबर तक ऊफान पर रहेगी। इस दौरान पुल निर्माण का काम मुमकिन नहीं है। जलस्तर में कमी आने के बाद ही पुल का निर्माण किया जा सकता है। इस हिसाब से पांचवी डेडलाइन तक पुल निर्माण पूरा हो जाने की उम्मीद नहीं है। पुल निर्माण 2015 से ही हो रहा है इसे 2019 में बनकर तैयार हो जाना था। पुल निर्माण में 859.37 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। इसके बावजूद सुपर स्ट्रक्चर का काम नहीं हो सका है।
बता दें कि दक्षिण और उत्तर बिहार को जोडऩे वाले पुल का पिलर नंबर 4,5,6 के दोनों तरफ के 36 स्लैब अप्रैल में गिर गए थे। इधर, इस वर्ष पुल पर आवाजाही शुरू होने पर उत्तर और दक्षिण बिहार की दूरी कम जाएगी। खगड़िया, बेगूसराय, सहरसा, महेशखुंट, सुलतानगंज, मुंगेर, हवेली खडग़पुर, तारापुर, बरियारपुर, बांका, जमुई, भागलपुर के बीच कम समय में आवागमन आसान हो जाएगा। वहीं, मोकामा पुल और विक्रमशिला सेतु पर गाड़ियों का दबाव भी कम होगा। गंगा पुल के फिजिकल वर्क रिपोर्ट के मुताबिक फाउंडेशन वर्क और सब स्ट्रक्चर काम 100 प्रतिशत, सुपर स्ट्रक्चर का काम 78.72 प्रतिशत और अप्रोच रोड 32.75 प्रतिशत है।