किसी बड़े आपरेशन को करने के लिए डाक्टर सारे चेकअप करने के बाद बेहोश कर के हि आपरेशन करते है, लेकिन पटना एम्स न्यूरो सर्जरी विभाग में तीन मरीजों के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन बिना बेहोश किये किया गया। न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र झा ने बताया कि 45 वर्षीय पूर्णिया निवासी, 20 वर्षीय जमुई के युवक व 23 वर्षीय पटना की एक युवती के ब्रेन के विभिन्न हिस्सों में ट्यूमर का बिना बेहोश किये ऑपरेशन किया गया।
बतादें कि पूरे आपरेशन के दौरान मरीज होश में ही रहा। डाक्टर उससे बातचीत करते रहे। समय-समय उन्हें हाथ-पांव हिलाने को कहा गया। डाक्टर यह पूछते रहे कि कोई दिक्कत तो नहीं। इस विधि में डाक्टर तुरंत जान पाते हैं कि आपरेशन सही तरीके से हो रहा या नहीं। किसी नस को नुकसान तो नहीं पहुंच रहा। बात करते-करते मरीज के दिमाग से ट्यूमर निकाल दिया गया। इस तकनीक में खतरा कम होता है। साथ ही 12 से 24 घंटे में मरीज रिकवरी भी हो जाती है। इस पद्धति से चुनिंदा हॉस्पिटलों में ही ऑपरेशन होता है। इसमें खर्च करीब 40 हजार होता है।
अवेक क्रेनियोटॉमी है चिकित्सा की अत्याधुनिक व्यवस्था
अवेक क्रेनियोटोमी में उच्च तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें मरीज को पूरी तरह बेहोश नहीं किया जाता है। इसमें पहले ब्रेन के ऊपरी हिस्से को सप्लाई करने वाली नस को सुन्न कर दिया जाता है ताकि चीड़ा लगाने पर दर्द नहीं हो। फिर आपरेशन के दौरान नेविगेशन गाइडेड रिकॉनस्ट्रक्शन से ट्यूमर की जगह को चिह्नित किया जाता है ताकि छोटा चीड़ा लगे। ब्रेन के अंदर विभिन्न नसों की अलग-अलग कलर कोडिंग की जाती है। साथ ही उस हिस्से की इलेक्ट्रोफिजियोलोजिक मानीटरिंग की गई। ताकि विभिन्न नसों को नुकसान होने से बचाया जा सके और ट्यूमर को सावधानी पूर्वक निकाला जा सके।
आपरेशन करने वाली टीम में विभागाध्यक्ष के अतिरिक्त डा. नीरज, डा. शाहनवाज, एनेस्थिसिया विभाग के डा. नीरज, डा. पूनम एवं डा. रजनीश का काफी योगदान रहा। सफलतापूर्वक आपरेशन किए जाने पर एम्स निदेशक डा. पीके सिंह, डीन डा. उमेश भदानी ने पूरे टीम को बधाई दी है।