अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान शव से हटाया कपड़ा, तो दिखा कुछ ऐसा कि शव लेकर पहुंचे अस्पताल
बिहार के सुपौल जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां किडनी निकालने के शक में शव को श्मसान से लौटा कर सदर अस्पताल लाया गया. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया. रिपोर्ट में किडनी सुरक्षित होने की पुष्टि के बाद पुन: शव को श्मसान ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है.
जानकारी के मुताबिक, घटना भीमपुर थाना इलाका स्थित केवला गांव की है. इस गांव में दो दिन पहले सीवन पासवान नामक अधेड़ का ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें पूर्णिया के मैक्स हास्पिटल में भर्ती कराया. जांच के बाद चिकित्सकों ने मरीज का ऑपरेशन करने का पूरा खर्च डेढ़ लाख रुपए बताया. ऐसे में परिजन मरीज को मैक्स हास्पिटल में एक घरवाले के साथ छोड़कर पैसे का जुगाड़ करने के लिए भीमपुर आ गए. यहां से पैसे की व्यवस्था कर जैसे ही परिजन मैक्स हास्पिटल पहुंचे तो डॉक्टरों ने सीवन पासवान को मृत घोषित कर दिया.
इसके बाद मृतक के परिजन शव को लेकर भीमपुर पहुंच गए. सोमवार सुबह दाह- संस्कार के लिए शव को श्मसान घाट लाया गया. रीति-रिवाज के अनुसार सारे कर्म करने के बाद जैसे ही परिजनों ने शव के ऊपर से कपड़े को हटाया तो सभी लोग एक चीज को देख कर दंग रह गए. दरअसल, शव के पेट पर बड़ा सा चीरा लगा हुआ था. इसके बाद परिजनों को शक हुआ कि किडनी निकाल लेने के कारण ही इनकी मौत हुई.
ऐसे में स्थानीय विधायक नीरज कुमार बबलू की पहल पर शव को सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया, जहां डाक्टरों ने दोनों किडनी सुरक्षित बताया. दरअसल, सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अरुण कुमार वर्मा का कहना था कि ब्रेन के आप्रेशन के दौरान स्कल को सुरक्षित रखने के लिए उसे पेट में रखा जाता है. इसके लिए पेट पर बड़ा सा चीरा लगाया जाता है, ताकि उसके अंदर स्कल को सुरक्षित रखा जा सके. यही वजह है कि चीरा का निशान देखकर मृतक के परिजन समझ गए थे कि किडनी को निकाल लिया गया है. हलांकि, किडनी निकालने जैसी कोई बात नहीं थी.