अंधेरे में तीर चला रही है गोपालगंज पुलिस, 60 घंटे बाद भी नही हो सकी फरार थानाध्यक्ष की गिरफ्तारी
थाना परिसर में जब्त कर रखे गए शराब को बेचे जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 48 घंटे बाद भी पुलिस आरोपित निलंबित थानाध्यक्ष व उनके तीन सहयोगियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
गोपालगंज : (कुंज बिहारी मिश्र ) वाह रे गोपालगंज पुलिस।अपने साथी की गिरफ्तारी में इतनी सुस्ती और दूसरों की गिरफ्तारी में काफी चुस्ती।थाना परिसर में जब्त कर रखे गए शराब को बेचे जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 60 घंटे बाद भी पुलिस आरोपित निलंबित थानाध्यक्ष व उनके तीन सहयोगियों की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा का दिया है।
हालांकि ,पुलिस का दावा है कि एसपी के निर्देश के बाद गठित छापेमारी टीम चारों आरोपित के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार व रविवार को कांड में आरोपित निलंबित थानेदार व उनके सहयोगियों की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की गई। पुलिस ने दावा किया कि जांच पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस मामले में आरोपित बनाए गए उचकागांव थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव का निवासी बबलू सिंह की उत्तर प्रदेश पुलिस को भी तलाश है।
पुलिस ने दावा किया कि बबलू सिंह बिहार और यूपी दोनों जगह पुलिस को मैनेज कर शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क हो संचालित करने का कार्य कर रहा था। पुलिस के अनुसार 10 अगस्त 2018 को बबलू सिंह और पथरा गांव निवासी दो युवकों के अलावा उत्तरप्रदेश के हाटा थाने में तैनात एक होमगार्ड जवान के विरुद्ध कुशीनगर जिले के कोतवाली हाटा थाने में अपराध संख्या 330/18 दर्ज की गई थी। इस मामले में बबलू सिंह अभी भी वांछित है।
जिले में पुलिस पदाधिकारी से मिलीभगत कर शराब के धंधे के संचालन के भंडाफोड़ के बाद पुलिस फरार निलंबित थानेदार तथा उनके तीन सहयोगियों की तलाश कर रही है। इस मामले में सदर एसडीपीओ नरेश पासवान के बयान पर दर्ज कराए गए प्राथमिकी में निलंबित थाना अध्यक्ष रितेश कुमार सिंह समेत कुल 6 लोगों को आरोपित बनाया गया है।