लालू बड़ी सोच के नेता है, उन्होंने सांप्रदायिकता और सरकार से बिना डरे आवाज़ उठायी है - अमजद खान तमन्ना

Update: 2019-01-14 07:04 GMT

राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अधिवक्ता न्यायिक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमजद खान तमन्ना ने विभिन्न मुद्दों पर मीडिया के सामने अपने विचार रखे. जो यहाँ प्रस्तुत किये जा रहे हैं.

देश की सूरतेहाल में लालू परिवार के बिखराओ को आप कैसे देखते हैं?

लालू जी परिवार में कोई बिखराव नहीं है. लोग पारिवारिक मामलों को राजनीतिक बना रहे हैं. हर परिवार में कुछ न कुछ मतभेद होते हैं. इसे राजनितिक नहीं बनाया जा सकता. लालू जी बड़ी सोच के प्रखर नेता हैं और साम्प्रदायिकता के खिलाफ पूरे उत्तर भारत में आवाज़ उठाते हैं. लालू जी ने सांप्रदायिक सरकार से बिना डरे आवाज़ उठायी है. 

क्या लालू जी सरकारी मशीनरी का शिकार हुए हैं?

हाँ बिलकुल सरकारी मशीनरी का शिकार हुए हैं. 

सामान्य वर्ग को 10 % आरक्षण दिया जाना कितना सही है?

सामान्य वर्ग को आरक्षण दिया जाने का स्वागत करते हैं लेकिन आरक्षण सिर्फ 50 % ही दिया जा सकता है. 50% तो पहले से सामान्य श्रेणी को मिलता था. भारत सरकार 10% आरक्षण का झुनझुना थमा कर लोगो को गुमराह कर रही है. 

कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने कहा है की यह बिल स्वीकार करने योग्य नहीं है?

हम आरक्षण का समर्थन करते हैं लेकिन ये आर्थिक आधार पर सबको दिया जाना चाहिए. पिछड़े कमज़ोर लोगो को मिलना चाहिए. हर कमज़ोर नागरिक को चाहे किसी वर्ग से हो मिलना चाहिए. 

2019 चुनाव से पहले सामान्य वर्ग को आरक्षण देना क्या चुनावी स्टंट नहीं है?

केंद्र की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है इसलिए आरक्षण के नाम पर लोगो को गुमराह कर रही है. 

उत्तर प्रदेश में सपा बसपा गठबंधन के बारे में आप क्या कहेंगे?

गठबंधन से तरक़्क़ी नहीं होती बल्कि जनता से देश की तरक़्क़ी होती है. अगर देशहित में गठबंधन हो तो अच्छा है.

तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस कह रही है की हमें किसी से गठबंधन की ज़रुरत नहीं है?

कांग्रेस भरोसेमंद पार्टी नहीं है. राज्यों में जीतना और लोकसभा चुनाव में जीतना अलग अलग चीज़े हैं. राज्यों के चुनाव का लोकसभा चुनाव पर कोई असर नहीं होगा.

रामविलास पासवान और चिराग़ पासवान ने तलाक़ बिल को लेकर बयान दिया है, आप का क्या कहना है इस बारे में?

तलाक़ के मामले में सरकार लोगो को गुमराह कर रही है. हम सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा  रहे हैं बल्कि तलाक के मामले में समाज को बाँटने का जो काम सरकार कर रही है वह निंदनीय है. 

आप अधिवक्ता न्यायिक परिषद के अध्यक्ष है, सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेसवार्ता कर सरकार पर सवाल उठाये हैं. इस पर आप का क्या कहना है?

जब सरकार में तानाशाही मिज़ाज के लोग बैठे हो तो लोकतंत्र को बचने के लिए सबको खड़े होना चाहिए. न्यायपालिका के लोगो ने भी अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है. 

राममंदिर को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बना सकती है?

हम चाहते हैं अयोध्या में राममंदिर बने क्योंकि अयोध्या रामचन्द्रजी की नगरी है. लेकिन न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस मामले में सरकार को कोई क़दम उठाना चाहिए. 


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