नई शिक्षा नीति : 4 साल की ग्रेजुएशन इसी साल से, जानें कैसे होगा एडमिशन

Update: 2023-04-14 10:07 GMT

बिहार में इस साल से विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स होगा। गुरुवार को राजभवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक कोर्स प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। कोर्स की संरचना व प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कमेटी गठित होगी।

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार के विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) और सेमेस्टर सिस्टम (एसएस) के आधार पर चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई प्रारंभ करने को लेकर कुलपतियों व शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस सत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर ही नामांकन होगा लेकिन सभी विश्वविद्यालयों को एक ही समय पर सभी संबंधित कार्य सम्पन्न करने होंगे। इसके लिए टाइमलाइन का निर्धारण राजभवन द्वारा किया जाएगा।

अगले सत्र से नामांकन की केन्द्रीकृत प्रक्रिया अपनाई जायेगी। बैठक में एकेडमिक कैलेंडर बनाने का निर्णय लिया गया एवं आधारभूत संरचना तथा फैकल्टी के आकलन के संबंध में भी विचार- विमर्श किया गया।

क्या होगा चार वर्षीय कोर्स में

चार वर्षीय सीबीसीएस पाठ्यक्रम लागू होना अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप होगा। प्रथम वर्ष अर्थात दो सेमेस्टर उत्तीर्ण करने पर जो छात्र इस कोर्स को छोड़ना चाहेंगे, उन्हें यूजी सर्टिफिकेट मिलेगा, जो 40 क्रेडिट का होगा। लेकिन यह शर्त होगा कि उन्हें 4 क्रेडिट का वोकेशनल कोर्स समर वेकेशन में करना होगा। इसी तरह दूसरे वर्ष अर्थात 80 क्रेडिट का चार सेमेस्टर का कोर्स करने के बाद छोड़ने पर उन्हें यूजी डिप्लोमा दिया जाएगा। उसके साथ भी 4 क्रेडिट का समय वोकेशनल कोर्स की अनिवार्यता रहेगी।

तीसरा वर्ष अर्थात 6 सेमेस्टर 120 क्रेडिट का करने के बाद यूजी डिग्री की उपाधि मिलेगी, जो स्नातक के समकक्ष होगी। चार वर्ष अर्थात 8 सेमेस्टर पूरा करने पर 160 क्रेडिट का कोर्स करने पर यूजी डिग्री (आनर्स) की उपाधि दी जाएगी। इसी में यह प्रावधान किया गया है कि पहले छह सेमेस्टक में जिन्हें 75 फीसदी या उससे अधिक अंक आए हों, वो 'फोर इयर यूजी डिग्री ऑनर्स विद रिसर्च' माने जाएंगे। ऐसे छात्रों को ये फायदा होगा कि चार साल का जो कोर्स ये करेंगे, वो स्नातकोत्तर कोर्स एक ही साल में पूरा कर सकेंगे। जो तीन साल में कोर्स करेंगे उन्हें स्नातकोत्तर दो साल में करना होगा।

छात्र पहले, दूसरे साल जब भी कोर्स छोड़ना चाहेंगे, उन्हें कोर्स छोड़ने के तीन वर्षों के अंदर पुन: अगले साल में नामांकन ले सकता है। वैसे छात्र जो कोर्स छोड़कर अगले साल फिर आते हैं, उन्हें सारी डिग्री 7 साल में पूरी करने की बाध्यता होगी।

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