आलोक सिंह
कोरोना संकट ने ही सही बिहारी में बदलाव की बयार बहा दी है। प्रवासी मजदूरों को बिहार के अंदर काम मुहैया करने के लिए जल्द ही बिहार सरकार नई औद्योगिक नीति (इंडस्ट्रियल पॉलिसी) की घोषणा करने जा रही है। इसके तहत बिहार में उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को कई तरह की रियायतें देने की तैयारी है।
बिहार सरकार में मंत्री संजय झा के मुताबिक, सरकार अभी प्रवासी मजदूरों का एक डेटा तैयार कर रही है। अगले कुछ दिनों में इसका काम पूरा होने के उम्मीद है। इसके बाद बिहार सरकार नई औद्योगिक नीति की घोषणा करेगी। झा के मुताबिक, अभी इस नई नीति के तहत दिए जाने वाले रियायतों का रूपरेखा पर काम किया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति में हर जिले के मुताबिक, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और कलस्टर विकसित करने की तैयारी है।
कलस्टर की स्थापना उस जिले में उपलब्ध संसाधन को देखते हुए किया जाएगा। इससे उद्योग को अपना काम करने में सहूलियत मिलेगी। है न करोड़ों बिहारियों के लिए अच्छी खबर। मैँ पहले भी इस बात पर जोर देता रहा हूं कि बिहार के पास हर चीज है जो एक उद्योग को चाहिए होता है। बस काम करने की इच्छाशक्ति चाहिए जो इस बार हुक्मरान दिखा रहे हैं।
आज बहुत खुशी मिल रही है कि सरकार मेरी या किसी औैर की सलाह पर इस दिशा में जोर-शोर से काम कर रही है। मेरा मानना है कि अगर, बिहार सरकार नई औद्योगिक नीति को लाकर उद्योगों को कर राहत सहित लैंड की उपलब्धता कराती है तो अगले दो से तीन साल में बिहार की तस्वीर बदली हुई दिखेगी। हालांकि, यह इतना आसान नहीं होगा लेकिन शुरुआत हुई तो बदलाव आना तय है। मैं, आशान्वित हूं कि बदलाव आएगा जो लाखों युवाओं को सुनहरा भविष्य देगा।