ये तस्वीर तो कुछ और कहती है, लेकिन सर्वे में एनडीए आगे जबकि महागठबंधन पीछे
ओपिनियन पोल में एनडीए को स्पष्ट बहुमत, 100 के भीतर सिमट सकता है महागठबंधन
नई दिल्ली,20 अक्टूबर . बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर ओपिनियन पोल लोगों के बीच आ गया है. लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वे के जरिए हम आपको बताएंगे कि क्या बिहार की सियासी बयार बदल रही है या फिर एनडीए की वापसी हो रही है. क्या है बिहार की जनता का मूड. क्या नीतीश कुमार फिर से बन पाएंगे सीएम या फिर तेजस्वी यादव के सिर पर सजेगा ताज.
बिहार में विधानसभा चुनाव का शोर
लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वे से मालूम पड़ेगा जनता का मूड
क्या नीतीश कुमार पर जनता एक बार फिर करेगी भरोसा?
क्या महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के सिर पर सजेगा ताज?
सर्वे में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं महागठबंधन को 88-98 सीट, एलजेपी को 2-6 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है.
सर्वे में एनडीए पर 38 फीसदी लोगों ने जताया भरोसा
सर्वे में बिहार में फिर एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. 38 फीसदी लोगों ने एनडीए पर फिर से भरोसा जताया है. तो वहीं 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि महागठबंधन की सरकार बने. वहीं 6 फीसदी लोगों का मानना है कि राज्य में एलजेपी की सरकार बननी चाहिए.
29 फीसदी लोगों ने माना विकास हो चुनावी मुद्दा
सर्वे में ये जानने की कोशिश की गई कि बिहार में चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए. लोगों को विकास, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी और शिक्षा का विकल्प दिया गया, जिसमें से 29 फीसदी लोगों ने माना कि विकास चुनावी मुद्दा होना चाहिए. जबकि 20 फीसदी बेरोजगारी, 11 फीसदी महंगाई, 6 फीसदी गरीबी और 7 फीसदी लोगों ने शिक्षा को चुनावी मुद्दा माना.
55 फीसदी बीजेपी समर्थक चाहते हैं नीतीश बनें सीएम
सर्वे में हमने ये भी जानने की कोशिश की क्या नीतीश कुमार फिर से सीएम बनें. इसपर 55 फीसदी बीजेपी समर्थकों ने सहमति जताई तो जेडीयू के 93 फीसदी समर्थकों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया.
ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया
लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया जिनमें से 3731 लोगों से बात की गई. ये सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया.इनमें 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं से बात की गई. पृष्ठभूमि की बात करें तो 90 फीसदी सैंपल ग्रामीण इलाकों से और 10 फीसदी शहरी इलाकों के लोगों से बात की गई. इनमें हर आयुवर्ग के लोग शामिल थे. 18 से 25 साल तक के 14 फीसदी, 26 से 35 साल के 29 फीसदी, 36 से 45 साल के 15 फीसदी, 46 से 55 साल के 15 फीसदी और 56 साल के अधिक के 17 फीसदी लोग शामिल थे. इस सैंपल में 16 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 14 फीसदी मुस्लिम शामिल रहे.
सीएम के रूप में नीतीश पहली पसंद
सर्वे में मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार हैं. 31 फीसदी लोगों की पसंद के साथ वो पहले नंबर पर हैं तो आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव 27 फीसदी लोगों की पसंद के साथ दूसरे, एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान 5 फीसदी के साथ तीसरे और बीजेपी नेता सुशील मोदी 4 फीसदी लोगों की पसंद के साथ चौथे स्थान पर हैं.
52% लोग नीतीश सरकार के काम से संतुष्ट
सर्वे में 52 % लोग नीतीश सरकार के काम से संतुष्ट हैं. जबकि 44 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं. वहीं, 61 फीसदी लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश दिखे तो वहीं 35 फीसदी लोगों ने नाखुशी जताई है.
एनडीए और महागठबंधन में है मुकाबला
एनडीए में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, एचएएम और वीआईपी शामिल हैं, जबकि महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, सीपीआईएमएल, सीपीआई, सीपीएम हैं. इसके अलावा ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (जीडीएसएफ) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, समाजवादी जनता दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट का गठबंधन है.