राबड़ी देवी ने किया सुशील मोदी से किया सवाल,"आपकी माँ पढ़ी-लिखी है?
"आपकी माँ पढ़ी-लिखी है?
जयंत जिज्ञासु
कुछ बातें सुशील मोदी और नीतीश कुमार को बस राबड़ी जी ही कह सकती हैं. और, फिर दोनों महाशय हुलूक-बुलूक करने के सिवा और कुछ नहीं कर पाते.
बार-बार उनकी शिक्षा पर सवाल उठाने पर राबड़ी जी ने सुशील मोदी को कहा, "आपकी माँ पढ़ी-लिखी है? हमारे यहाँ पचमे (पांचवीं) तक पढ़ाई होती थी, तो हम क्या करें? कौन कामकाज हमको नहीं आता है! हमने 7-7 यूनिवर्सिटी खोली, जिला बनाया, स्कूल बनाया, अस्पताल बनाया, ब्लॉक बनाया. पुरनका बात जो निकालते हैं, तनि आज के हालत पर बात कीजिये न!"
विधान परिषद में राबड़ी जी का पूरा भाषण और भी दिलचस्प, अर्थपूर्ण और तथ्यपरक है. आ जाएगा, तो साझा करूँगा. नीतीश जी तब सदन में मौजूद थे. राबड़ी जी ने कहा, "3-3 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया, भारत सरकार से हमको कब मदद मिली? नीतीश जी को नहीं मालूम है? इ तो रेलमंत्री थे. कोई पैसा नहीं मिलता था. यूपीए आया, तो उस पैसे से सब जगह चमका, और इ मजा मार रहे!"
एक बार राज्यसभा सांसद डॉ. मीसा भारती जी ने छोटी-सी बातचीत में साझा किया था, "जिस गाँव में माँ का मायका था, वहाँ की महिलाएँ क्या, पुरुष भी पांचवीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते थे. क्योंकि वहाँ प्राइमरी से आगे की शिक्षा के लिए स्कूल ही नहीं था. तो, यह राबड़ी देवी का दोष है या सिस्टम का?"
और, वैसे भी यह बुद्ध और कबीर की परंपरा का देश है. यहाँ के. कामराज जी जैसे लोग जिनकी कोई उच्च शिक्षा नहीं हो पाई; ने न सिर्फ तमिलनाडु जैसे सूबे को चलाया, बल्कि अखिल भारतीय दल को चलाने के लिए "कामराज प्लैन" लेकर आए.
मार्क ट्वेन कहते हैं, "I never let my schooling interfere with my education."