यही अंतर है और दिलचस्प यह कि दोनों मोदी के खिलाफ हैं। हालांकि राहुल भी वही बोल रहे हैं जो राजनीति में नहीं बोला जाता है - अप्रिय सत्य। अंदाज अलग-अलग है। तेजस्वी ने पूछा है कि अगर मुझे अनुभवहीन मानते हैं तो भाजपा के 20 हेलीकॉप्टर किसलिए उड़ रहे हैं।
जो लोग राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाना गलत बताते हैं उनके लिए प्रेमिका को मंत्री बनाना गलत नहीं है। यह सही है कि एक गलती से दूसरी गलती ठीक नहीं होती है पर बोले वो जो पहले भी बोला हो .... एक आदमी जो कई साल से वकालत कर रहा था पिताजी के मित्र प्रधानमंत्री बने तो राज्यसभा में आ गया वही प्रवक्ता है वंशवाद के खिलाफ बोलने वाली पार्टी का और प्रधान सेवक ऐसे जो बताते हैं कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन संयोग नहीं प्रयोग है।