बिहार में शिक्षकों की बहाली का मुद्दा पहुंचा हाईकोर्ट, जस्टिस के.वी. कृष्णन ने याचिका पर की सुनवाई, अगली सुनवाई अगस्त में होगी
The issue of reinstatement of teachers in Bihar reached the High Court
पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की।सुबोध कुमार की याचिका चीफ जस्टिस के वी कृष्णन ने याचिका पर सुनवाई करते राज्य सरकार को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश देने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर अगली सुनवाई 29 अगस्त,2023 को होगी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में बड़े पैमाने शिक्षकों की बहाली के लिए 2023 में नया नियमावली बनाया है।इसके तहत राज्य में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2023 में जो राज्य सरकार ने नयी नियमावली बनायी है, उसके अंतर्गत 2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल होना होगा।
उन्होंने बताया कि नयी नियमावली के अंतर्गत जो शिक्षक बहाल होंगे,उन्हे सरकारी सेवक का दर्जा मिलेगा।जो शिक्षक 2006 से कार्यरत है,उन्हें सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा। इस नयी नियमावली के अंतर्गत शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा ले कर अनुशंसा करने की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपी गयी है।
इसमें ये भी मुद्दा उठाया गया कि नियमावली 2006 के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के योग्यता और कार्य समान है, पर नियमावली 2023 के अंतर्गत बहाल शिक्षकों का वेतन अलग होगा,जो कि समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। इस मामले में सुनवाई के दौरान हुए बहस में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही और अधिवक्ता अमीष कुमार ने पक्षों को प्रस्तुत किया। इस मामलें पर अगली सुनवाई 29अगस्त,2023 को होगी।