राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंपने के बाद 'भूत' और 'भावी' दोनों ही श्रेणी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, वहां से सीधे तेजस्वी यादव से समर्थन मांगने उनके घर गए। समर्थन मिल भी गया है।
इस मौके पर 2017 से 2019 की बहुत सी घटनाएं याद आ गईं। नीतीश ने तब भी पलटी मारी थी और लालटेन बुझाकर कमलधारी हो गए थे। तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री के रूप में देशरत्न मार्ग का पांच नंबर बंगला मिला था। वैसे ये बंगला पहले से भी बहुत सुंदर था लेकिन तेजस्वी के लिए यह अपना पहला बंगला सुख था। हालांकि उनका पालन-पोषण ही बंगलों में ही हुआ है पर इससे पहले वाले सुख उन्होंने अपने पिता या माता के खाते से लिए थे। तो अपने पहले बंगले को उन्होंने महल जैसा बनवाया।
उस समय के जेडीयू कोटे से आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने बयान दिया था कि तेजस्वी ने बंगले पर दो से तीन करोड़ रुपए खर्च कराए हैं और सरकार इसकी जांच कराएगी। उस बंगले पर सुशील मोदी की भी लार टपक गई थी। उन्होंने उसे अपने नाम अलॉट करा लिया लेकिन जो बंगला बनाया इन्ना प्यारा उसे खाली कैसे कर देते तेजस्वी!
भाई ने डेढ़ साल तक नहीं छोड़ा वह बंगला। मोदी जी की नजर ऐसी गड़ी थी कि सरकार उसे खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक चली गई। वहां से फटकार मिली तो तेजस्वी बुझे मन से वहां से विदा हुए। मोदी ने बंगले का कब्जा लेते समय उसका लाइव वीडियो प्रसारण किया था और उसे सात सितारा या seven star होटल बताया था। हालांकि बाद में मोदी को भी उसे छोड़ना पड़ा और अब तेजस्वी कहां जायेंगे, बताने की जरूरत तो नहीं।
बंगला विहीन कराने वाले नीतीश आज तेजस्वी के पास गए। अपने लिए 1, अणे मार्ग (CM House) और तेजस्वी के लिए वही 7Star सुनिश्चित कर आए।