सुशासन में बलि का 'बकरा' है 'थानेदार' बेतिया-गोपालगंज में जहरीली शराब से 33 मौत का जिम्मेदार थानाध्यक्ष?
पटना बिहार में काहे की शराबबंदी? शराबबंदी से फायदा क्या है? यह सवाल अब तेजी से उठने लगा है। जिस तरह से शराब की सप्लाई हो रही व जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही उससे प्रमाणित हो गया है कि शराबबंदी अब नीतीश सरकार के बूते के बाहर हो गई है। शराब माफिया व अधिकारियों का गठजोड़ मालामाल हो रहा और 'जान' गरीब जनता की जा रही। जहां भी शराब से मौत हो रही वहां के लिए थानेदार को बलि का बकरा बना दिया जाता है। जहां भी जहरीली शराब से मौत हो रही वहां सीधे थानेदार को दोषी मान लिया जाता है और सीधे सस्पेंड किया जाता है। लेकिन बड़े अधिकारी और उत्पाद विभाग के अधिकारी बच जाते हैं। गोपालगंज व बेतिया में पिछले तीन दिनों में कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई। यहां भी बलि का बकरा थानेदार ही बना।
बलि का बकरा बना थानेदार
गोपालगंज के महमदपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हो गई । वहीं कई की हालत गंभीर है। इस आरोप में थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया। पश्चिम चंपारण के नौतन थाना क्षेत्र में 15 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई। यहां भी वही हुआ..थानेदार को सस्पेंड कर सरकार ने अपनी ड्यूटी पूरी कर ली।गोपालगंज SP आनंद कुमार ने कार्रवाई करते हुए महम्मदपुर थानाध्यक्ष शशि रंजन कुमार और एक चौकीदार को सस्पेंड किया है। वहीं, पश्चिम चंपारण के नौतन थानेदार और चौकीदार को भी चंपारण डीआईजी ने सस्पेंड किया है।
जानें पूरा मामला
बता दें, गोपालगंज के महमदपुर थाने के कुशहर तुरहा टोले और दलित बस्ती में मंगलवार की शाम दो दर्जन से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पी थी। शराब पीने के बाद हालत बिगड़ने लगी। पेट में जलन और मुंह से झाग आने के बाद परिजनों ने आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल और सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां एक-एक कर कुल 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं, पश्चिम चंपारण में बुधवार शाम कुछ लोगों ने गांव में देसी चुल्हाई शराब पी थी। देर रात तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया। इनमें से 15 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
शराब कांड पर राजनीति शुरू
जहरीली शराबकांड से हुई मौत के बाद नीतीश सरकार कटघरे में है। राजद ने सीधे सीएम नीतीश पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि किस बात की शराबबंदी? इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है? बिहार में 20 हज़ार करोड़ की अवैध तस्करी और समानांतर ब्लैक इकॉनमी के सरग़ना सामने आकर इसका जवाब दें। मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे। गोपालगंज में 20 लोग मरे। बेतिया में 13 लोग मरे। अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है। इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है? तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है।