इन्सेफ्लाइटिस से हुई मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में खुलासा, अस्पतालों में 47 फीसदी डॉक्टरों की कमी

मुजफ्फरपुर में इन्सेफ्लाइटिस से हो रही बच्चों की मौत के मामले में हैरान करने वाले आकड़े सामने आये है।

Update: 2019-07-03 08:39 GMT

नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में इन्सेफ्लाइटिस से हो रही बच्चों की मौत के मामले में हैरान करने वाले आकड़े सामने आये है। और राज्य सरकार ने माना है कि स्वास्थ्य विभाग में 'मानव संसाधन' की बेहद कमी है। पिछले 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इन्सेफ्लाइटिस से बच्चों की मौत पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि ये चिंताजनक स्थिति है, मुजफ्फरपुर में मस्तिष्क ज्वर से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया था। आप हमें बताएं कि आपने क्या-क्या कदम उठाए हैं। 

बतादें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में नीतीश सरकार ने माना है कि अस्पतालों में 47 फीसदी डॉक्टरों की कमी है। विभाग में 71 फीसदी नर्स, 62 फीसदी लैब टेक्नीशियन, 48 फीसदी फार्मासिस्ट के पद खाली पड़े हैं। नीतीश सरकार ने कोर्ट को ये तो आश्वस्त करने की कोशिश की है कि मेडिकल अफसर, पैरा मेडिकल और टेक्निकल स्टाफ की नियुक्ति को लेकर वो कदम उठाने जा रही है। अपने हलफनामे में बिहार सरकार ने कहा है कि मौसम में बदलाव और राज्य सरकार के प्रयास से बीमारी में काफी कमी आई है। सरकार बीमारी की वजह ढूंढने और दूरगामी समाधान करने में लगी है। खुद मुख्यमंत्री मसले को गंभीरता के साथ देख रहे हैं।

याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजनामी ने दायर की है। याचिका में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोर्ट के दखल की मांग की गई है। याचिका में कोर्ट से सरकार को 500 आईसीयू इंतजाम करने, 100 मोबाइल आईसीयू को मुजफ्फरपुर भेजे जाने, पर्याप्त संख्या में डॉक्टर उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की गई है। 

इस बीमारी के संदर्भ में राज्य सरकार ने कहा कि कुल 824 मामले सामने आएं हैं और कुल 157 मौत हुई हैं. इसमें हालांकि कहा गया कि यह नहीं पता कि मस्तिष्क ज्वर से हुई मौत के 215 मामलों में से 24 इस बीमारी से हुई हैं या नहीं। मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए है। मुजफ्फरपुर में तीव्र इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मौत का आंकड़ा बढ़कर 137 हो गया। एसकेएमसीएच में 116 और केजरीवाल अस्पताल में 21 मरे।


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