प्रेमी-प्रेमिका की हत्या करने के जुर्म में दोषी चाचा को मिली फांसी की सजा
विभूतिपुर थाना क्षेत्र में सात साल पहले झूठी शान के लिए प्रेमी व प्रेमिका की हत्या मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी करने के बाद एक दोषी को फांसी की सजा सुनाई है।
बिहार के समस्तीपुर जिले के रोसड़ा व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजीव रंजन सहाय की अदालत ने आज सोमवार को विभूतिपुर थाना क्षेत्र में सात साल पहले झूठी शान के लिए प्रेमी व प्रेमिका की हत्या मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई पूरी करने के बाद एक दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। फांसी की सजा पाने वाला दोषी मृतका का सहोदर चाचा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार न्यायाधीश ने इस मामले को दुर्लभतम करार देते हुए कड़ी टिप्पणी भी की है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराए गए दो अन्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने विभूतिपुर थाना क्षेत्र के आलमपुर निवासी देवानंद सिंह को 302/34/120बी में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनायी है। वहीं आलमपुर के ही सुधीर कुमार सिंह तथा इसी थाना के कापन निवासी गौरीकांत महतो को भादवि 302/34/120बी में दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ 25 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड नहीं दिए जाने पर एक वर्ष का साधारण कारावास भुगतना होगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को भादवि 201/34 में भी दोषी पाया है। बता दें कि इसमें कोर्ट ने तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदंड लगाया लगाया है। अर्थदंड में चूक होने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बता दें कि कोर्ट ने बीते मंगलवार को सुनवाई पूरी करने के बाद सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक शिवशंकर यादव एवं रामकुमार तथा बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता सतीकांत सहनी व राजकुमार ने अपना-अपना पक्ष रखा। इस मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत कुल 15 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया था।