आ गई दुनिया की पहली ऐसी बैटरी जिसे आप खा भी पाएंगे, जाने इसमें क्या है खास बात??

इस बैटरी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं इस बैटरी को इटली के इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (IIT) के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।

Update: 2023-04-17 17:04 GMT

इस बैटरी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं इस बैटरी को इटली के इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (IIT) के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।

जीवित प्राणियों के अंदर होने वाली जैविक रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं से प्रेरित होकर शोधकर्ताओं ने दुनिया की पहली पूरी तरह से खाने योग्य रिचार्जेबल बैटरी बना ली है। इस बैटरी की सबसे खास बात यह है कि इसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं। इस बैटरी को इटली के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (IIT) के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।

क्या है बैटरी की खासियत?

एडवांस्ड मैटेरियल्स "एन एडिबल रिचार्जेबल बैटरी" नामक जर्नल में इसके बारे में रिसर्च रिपोर्ट जारी की गई है। खाने योग्य रिचार्जेबल बैटरी को बनाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (आईआईटी) के शोधकर्ताओं की टीम ने इसे जैव रासायनिक रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं से प्रेरणा लेकर बनाया है। आईआईटी के लोगों का कहना है कि इस बैटरी में राइबोफ्लेविन विटामिन B2 है यह विटामिन बादाम में पाया जाता है और क्वेरसेटिन एक फूड सप्लीमेंट है, जो केपर्स में मौजूद होता है। इसके अलावा इसमें दो इलेक्ट्रोड लगे हैं।

इस बैटरी को खाने से मानव शरीर के अंदर किसी भी तरीके की कोई बीमारी है समस्या नहीं आएगी बैटरी में करंट की सप्लाई के लिए चारकोल इस्तेमाल किया गया है जबकि शॉर्टकट से बचाने के लिए इसमें सेपरेटर बनाया गया है इसकी विद्युत क्षमता को बढ़ाने के लिए चारकोल को इलेक्ट्रोड सामग्री में मिलाया गया है और इलेक्ट्रोलाइट वाटर में खाद नमक में सोडियम हाइड्रोजन सल्फेट का एक सॉल्यूशन है।

बताया जा रहा है कि ओपन सर्किट आउटपुट 650mb है और यह 12 मिनट के लिए 48μA या एक घंटे से अधिक समय के लिए कुछ माइक्रोएम्प्स प्रदान कर सकता है। साथ ही इसको कई बार चार्ज-रिचार्ज भी किया जा सकता है।

आईआईटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बैटरी का उपयोग बच्चों के खिलौनों में किया जा सकता है। बैटरी में बैटरी सेल 0.65 वोल्ट पर संचालित होता है। यानी इसका वोल्टेज इतना कम होता है कि इसे अगर कोई गलती से खा भी लेता है तो कोई नुकसान नहीं होगा।

इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह ऐसी बैटरी है जिसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं। इससे सेहत को भी कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि फायदा होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बैटरी को खाने की चीजों से बनाया गया है, इसलिए चार्जिंग इस्तेमाल के साथ इससे भूख भी मिटाई जा सकती है और यह विटामिन से भरपूर है। इसके अलावा इन बेटियों की सुरक्षा के स्तर को देखते हुए इनका उपयोग बच्चों को खिलौने में भी किया जा सकता है इसे साइज में कम भी रखा गया है इनका भविष्य में खाद्य सॉफ्ट रोबोट को पावर देने के लिए भी टेस्ट किया जाएगा।

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