प्रियंका चोपड़ा ने WHO से पूछे 16 सवाल, गर्मी में मर जाएगा कोरोना वायरस या दोबारा भी होगा?
जवाब: हमारे करीब 400 साइंटिस्ट इसपर काम कर रहे हैं, जिसमें कुछ वैक्सीन कैंडिडेंट्स भी हैं। फिलहाल तो अगले 12 महीने तक वैक्सीन के बारे में नहीं सोचा जा सकता। इसके लिए सही वैक्सीन की तलाश में एक साल से लेकर 18 महीने भी लग सकते हैं।
बॉलिवुड, हॉलिवुड के तमाम सितारे लगातार लोगों को कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए घरों में रहने की अपील कर रहे हैं और कई स्टार्स लोगों को इस बारे में जागरुक भी करने की कोशिश में लगे हैं। कुछ दिनों पहले ही देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए बताया था कि वह जल्द ही कोरोनावायरस संक्रमण पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के डायरेक्टर जनरल डॉ. ट्रेडोस से बात करने वाली हैं और आखिरकार वह मौका आ ही गया।
प्रियंका ने बताया था कि कोरोना को लेकर जितने सवाल सभी लोगों के मन में है, उस बारे में वह उनसे बात करने वाली हैं। उन्होंने कोरोना को लेटर डॉ. टेड्रोस, कोविड 19 के लिए काम करने वाली टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव और ग्लोबल सिटीजन के सीईओ ह्यूग इवांस के साथ लाइव चैट किया और इस दौरान वे तमाम सवाल पूछे गए जिसका जवाब हममें से हर किसी के लिए जानना बेहद जरूरी है।
प्रियंका ने उनके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और उनसे हुए सवाल-जवाब की तस्वीरें भी उन्होंने पोस्ट की है। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक कोरोना को लेकर यह इंटरव्यू मंगलवार की रात 12.30 बजे हुआ। प्रियंका ने इस वीडियो चैट के दौरान उनसे क्या-क्या सवाल पूछा और उन्हें क्या जवाब मिला, हर किसी को इस वक्त जानना चाहिए।
सवाल: डॉ. टेड्रॉस, क्या इस वक्त आप पूरी दुनिया में एकता देख रहे हैं?
जवाब: हमने पॉलिटिकल कमिटमेंट चाही, स्ट्रॉन्ग पॉलिटिकल लीडरशिप, इसे लेकर पूरे सरकार का अप्रोच, सोसायटी का अप्रोच और कई देशों की ओर से यह मिल रहा है। यह जरूरी है, क्योंकि समस्या केवल किसी एक सेक्टर का नहीं बल्कि पूरी सोसायटी की है।
सवाल: मैं टाइप 1 डाइबिटीज़ का मरीज हूं और प्रियंका को अस्थमा की दिक्कत है। हमें पहले इस बात का डर था कि हम इसकी चपेट में जल्दी आ जाएंगे और हमपर इसका कैसा असर पड़ सकता है? जिनके साथ इम्यूनिटी की दिक्कत हो उन्हें क्या विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब: ऐसे लोगों के लिए इस बीमारी को लेकर रिस्क ज्यादा है जो डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज, सांसों से जुड़ी पुरानी दिक्कतें हैं औऱ जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है। ऐसे लोगों को सलाह है कि जितना संभव हो इस खतरे को पास आने से रोक सकें और अपने-अपने घरों में रहें। हालांकि, जिन्हें ऐसी बीमारी नहीं है और यंग हैं, वे भी इस डिज़ीज़ से इन्फेक्टेड हो रहे हैं। यंग लोग भी आईसीयू में एडिमिट हो रहे हैं। हर किसी को खतरा है, यह नए तरह की बीमारी है और खुद को बचाने पर ध्यान रखना ही बेहतर है। इसके लिए अपने हाथ 20 सेकंड तक साफ करें, छींक आने पर अपने हाथ (elbow) सं मुंह ढकें, अपना चेहरा न छूएं, लोगों से दूरी बनाए रखें, कोई लक्षण दिखे तो घर पर ही रहें।
सवाल: इस वक्त खुद को और अपनी फैमिली को सुरक्षित रखने को हमें सबसे ज्यादा किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: फिजिकल डिस्टेंसिंग इनमें से एक है और सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जैसे- स्कूल और अन्य जगहों को बंद कर दिया गया है और लोगों को भीड़ में इकट्ठा होने पर बैन लगा दिया गया है।
सवाल: भारत में अभी-अभी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है। कई देश इसे सीरियस ले रहा है, लेकिन क्या आपको लग रहा है दुनिया भर में सभी देश और उनकी सरकार इसे लेकर पर्याप्त प्रयास कर रही है?
जवाब: फिजिकल डिस्टेंसिंग और अन्य कदम उठाने जरूरी हैं। इस बीच उनका टेस्ट भी होना चाहिए जिन्हें लेकर शक है और उनका भी जो उनके कॉन्टैक्ट्स में हों और इन केसेस को आइसोलेट रखने की जरूरत है।
सवाल: आपने कहा कि हमें टेस्ट कराना चाहिए, लेकिन बहुत सारे ऐसे देश हैं जहां टेस्ट की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें क्या करना चाहिए?
जवाब: उन्हें तय करना होगा कि उनके पास यह सुविधा हो, क्योंकि मेरे खयाल से इसके पीछे इकनॉमिक रीजन नहीं हो सकता। लेकिन जो देश लो इनकम और मिडल इनकम वाले हैं, जो इसे अफॉर्ड नहीं कर सकते उन्हें अंतरराष्ट्रीय मदद देनी होगी।
सवाल: जिस देश से ज्यादा मामले सामने नहीं आ रहे, क्या आपको लगता है कि वे टेस्ट कराने में असक्षम हैं...इसलिए ऐसा है?
जवाब: चीन में 11000 से ज्यादा मामले आए और तब तक बाकी दुनिया में केवल 83 मामले थे। इसका मतलब है कि जांच, कॉन्टैक्ट्स, पहचानना और फिर आइसोलेट करना..यानी शुरुआत से कट करने की जरूरत है। यह अप्रोच व्यापक होना चाहिए।
सवाल: हमें एक नागरिक, एक देश होने के नाते अभी क्या करना चाहिए?
जवाब: फिजिकल डिस्टेंसिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन में रहना चाहिए। हमें इसे लेकर आक्रामक रवैया रखना चाहिए।
सवाल: कई देशों में कहा जा रहा है कि यदि हम सेल्फ क्वॉरंटीन होंगे और काम पर नहीं गए तो देश पर आर्थिक संकट आएगा, इसपर आप क्या कहेंगे?
जवाब: यह टेम्प्ररी है। लोग डरे हुए हैं और यह नॉर्मल है। लेकिन लोग एकजुटता दिखा रहे हैं और इस डर से बाहर आने को लेकर कुछ पॉजिटिव सोच रहे हैं।
सवाल: क्या वायरस हवा से फैल सकता है?
जवाब: यह वायरस एयर बॉर्न नहीं। यह वायरस आपके छींकने या थूकने से फैलता है।
सवाल: यदि आप covid 19 से रिकवर हो गए हैं तो क्या यह दोबारा हो सकता है?
जवाब: हमारे पास इस वायरय की पूरी तस्वीर नहीं। हमने देखा है कि 4 लाख लोगों में से 1 लाख रिकवर हुए हैं। हम मानकर चलते हैं कि जो इससे संक्रमित हैं वे अपना इम्यून बेहतर करते हैं। यह नहीं पता कि आपकी इम्यूनिटी कितनी स्ट्रॉन्ग है और कब तक बरकरार रहेगा।
सवाल: Covid 19 गर्मी में नहीं फैल सकता, यदि हमारा घर गर्म हो तो क्या बैक्टीरिया मर सकता है?
जवाब: यह वायरस है, बैक्टीरिया नहीं। वायरस अलग-अलग टेम्प्रेचर में फैल सकता है। हमने चीन में ठंड में भी इसे फैलते देखा है और अफ्रीका व सिंगापुर में गर्मियों में भी यह फैला है।
सवाल: इससे लॉन्ग टर्म में लड़ने के लिए वैक्सीन सबसे जरूरी है। WHO की ओऱ से इसके लिए क्या प्रयास किया जा रहा है और क्या गरीब देशों को भी यह मिल पाएगा?
जवाब: हमारे करीब 400 साइंटिस्ट इसपर काम कर रहे हैं, जिसमें कुछ वैक्सीन कैंडिडेंट्स भी हैं। फिलहाल तो अगले 12 महीने तक वैक्सीन के बारे में नहीं सोचा जा सकता। इसके लिए सही वैक्सीन की तलाश में एक साल से लेकर 18 महीने भी लग सकते हैं।
सवाल: क्या संभव है कि COVID 19 से संक्रमित व्यक्ति को फीवर न हो?
जवाब: ऐसा हो सकता है, लेकिन ऐसा कभी-कभार ही हो सकता है। कोविड 19 में फीवर, ड्राई कफ और सांस लेने में तकलीफ होती है। कुछ लोगों को मसल्स पेन और सिर दर्द की भी शिकायत रहती है। काफी कम लोगों को नाक बहने की दिक्कत आती है। चीन में 90% लोगों ने बताया कि उन्हें फीवर था।
सवाल: को-इन्फेक्शन का मतलब क्या है?
जवाब: इसका मतलब है कि आप एक ही समय में कई तरह के इन्फेक्शन से जूझ रहे हों।
सवाल: क्या हाथ धोना सैनिटाइज करने से ज्यादा असरदार है?
जवाब: आप जो कर सकते हैं वह करिए, यदि आपके पास अल्कोहॉल बेस्ड rub हो तो उसी से क्लीन कर लें।