600 करोड़ रुपए खर्च करके आदिपुरुष बनाने पर भड़के रामानंद सागर की रामायण के लक्ष्मण जाने क्यो?
Sunil Lahri on Adipurush: आदि पुरुष पर उठा बवाल अब भारत से नेपाल तक पहुंच गया है।हाल ही में रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने भी जब इस फिल्म को देखा तो उनका गुस्सा भरा रिएक्शन सामने आया है।
Sunil Lahri Reaction on Adipurush: फिल्म आदि पुरुष रिलीज हो चुकी है।इस फिल्म के टीजर से लेकर फिल्म के रिलीज होने तक यह फिल्म लगातार विवादों में ही बनी रही है।लोगों ने इसे देखा कुछ को तो यह फिल्म बेहद शानदार लगी लेकिन कुछ ने इसे देख भारतीय संस्कृति के खिलाफ अपमान भी महसूस किया ऐसा ही कुछ साल पहले रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभा चुके सुनील लहरी को भी फील हुआ है। इसके बाद उन्होंने इस फिल्म पर अपना रिएक्शन दिया है। वह इस फिल्म को देखकर काफी आगबबूला हो रहे हैं और भड़क गए हैं और उन्होंने अब जमकर अपनी भड़ास निकाली है।
क्या बोले सुनील लहरी
90 के दशक में आई रामानंद सागर की रामायण काफी फेमस थी यह रामायण आज भी लोगों के बीच उतनी ही पॉपुलर है। जितनी उस समय थी। लोग इसे आज भी पसंद करते है और इसके किरदारों को सच में भगवान का रूप मानते हैं। ऐसे में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी भी घर-घर काफी पॉपुलर हुए थे लेकिन अब उन्होंने नई रामायण पर बनी फिल्म आदि पुरुष देखी जिसके बाद वह काफी नाराज हैं।उन्होंने कैरेक्टर के लुक से लेकर फिल्म के डायलॉग तक पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म की शुरुआत में ही बताया जाता है कि वाल्मीकि पर आधारित रामायण है फिर भी इसमें ऐसी भाषा का इस्तेमाल निंदनीय है।
बच्चों को करेगी मिसगाइड
सुनील लहरी का कहना है कि इस फिल्म के मुताबिक यह किसी सुपर हीरो की तरह फेंटेसी फिल्म है लेकिन रामायण के तौर पर यह बच्चों को मिसगाइड करेगी। इतना खर्च करके इस फिल्म को बनाने का क्या मतलब है इसको बनाने में 600 करोड रुपए बर्बाद कर दिए हैं उन्होंने बताया कि फिल्म का क्लाइमेक्स इतना लाउड है कि बर्दाश्त से भी बाहर है।
सुनील ने फिल्म के किरदारों के डायलॉग्स पर भी कड़ी आपत्ति जताई है. खासतौर से हनुमान और रावण के किरदारों के लिए जिस तरह की भाषा में डायलॉग लिखे गए हैं उसे लेकर लोगों का गुस्सा तो देखने को मिल ही रहा है सुनील लहरी ने भी इसे लेकर खासे नाराज नजर आए. उन्होंने कहा है ‘आप हनुमान जी के किरदार से कि तेल तेरे बाप का...ये क्या है? अब डायलॉग बदलने की बात कही जा रही है. लेकिन ऐसी नौबत आई ही क्यों?