पे-टू-स्टे स्टिंग : अमेरिका में वीजा फर्जीवाड़े का शिकार हुए 129 भारतीय छात्र गिरफ्तार

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 'फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने' के आरोप में गिरफ्तार किया है

Update: 2019-02-02 07:47 GMT

अमेरिका में पे-टू-स्टे घोटाले के खुलासे के बाद 130 प्रवासियों में से 129 भारतीयों को फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 'फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने' के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि इन छात्रों ने अमेरिका में रहने के लिए फर्जी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। हालांकि इमीग्रेशन अटॉर्नी ने छात्रों के पकड़े जाने के तरीके पर सवाल उठाए हैं और दावा किया कि ये छात्र इस फर्जीवाड़े से अनजान थे और अधिकारियों ने उन्हें जाल बिछाकर फंसाया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय भी इस मामले में सक्रिय हो गया है। विदेश मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने गिरफ्तार छात्रों को कानूनी सहायता दिए जाने की मांग रखी है। दरअसल अमेरिकी गृह विभाग के अधिकारियों ने आव्रजन संबंधी घोटाले को पकड़ने के लिए डेट्रॉयट की फर्मिग्टन हिल्स यूनिवर्सिटी को चारे की तरह इस्तेमाल किया। संघीय अभियोजकों द्वारा अदालत में दाखिल दस्तावेज में कहा गया है कि करीब 600 विद्यार्थियों ने डेट्रॉयट स्थित फ़र्ज़ी संस्थान फार्मिंगटन हिल्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। आव्रजन अधिकारियों ने वीजा धोखाधड़ी के विद्यार्थियों को पकड़ने के लिए यह यूनिवर्सिटी बनाई था, जिसके लिए स्टिंग ऑपरेशन किया गया।

अभियोजकों ने इसे 'पे टू स्टे' घोटाला करार दिया, क्योंकि विद्यार्थियों ने फर्जी विश्वविद्यालय से दस्तावेज पाने के लिए नियोक्ताओं को भुगतान किया, जो उन्हें बिना क्लास में हाजिर हुए छात्र वीजा पर यहां रुकने में सक्षम बनाता था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, ये विद्यार्थी स्टूडेंट वीजा के लिए जानबूझकर इस फर्जीवाड़े में शामिल हुए। वे जानते थे कि यह वास्तविक शैक्षणिक कार्यक्रम नहीं है। इन सभी को वापस भेजा जाएगा।

इमिग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (आईसीई) के प्रवक्ता खालिद ए वॉल्स के हवाले से पीटीआई ने रिपोर्ट किया है, 'विद्यार्थियों के नियोक्ताओं के रूप में कथित रूप से घोटाला चलाने वाले आठ लोगों को वीजा धोखाखड़ी और लाभ के लिए दूसरे देशों के लोगों को शरण देने की साजिश रचने के आपराधिक आरोपों व पांच साल की अधिकतम सजा का सामना करना होगा। । अदालत में सरकारी वकील ने बताया कि पकड़े गए छात्रों को पता था कि उन्हें फर्जी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का वीजा दिलाकर अमेरिका ले जाया जा रहा है। इन छात्रों को कई शहरों से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। यह हाल के वर्षों में भारत से गलत तरीके से अमेरिका गए सबसे ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी है। 


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