गाजा में निकला इस्लामी भाईचारे का जनाजा अपना देश भारत अपना पड़ोसी अच्छा है!
अपने पड़ोसी अपने गांव अपने शहर के लोगों से प्यार प्रेम से मिलें, मिलकर गिले शिकवे दूर करें देशहित में शांति सद्भाव पेंदा करें यह देश रहेगा तो हमारा अस्तित्व बना रहेगा।
मोहम्मद हफ़ीज़ पठान
दुनिया भर में 57 मुस्लिम देश है विश्व में इन देशों के अलावा बड़ी आबादी दुनिया के अनेक देशों मुस्लिम धर्म के मानने वालों की निवास करती करतीं हैं हमारे देश भारत मे भी बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्म के लोग निवास करते हैं विश्व के राजनैतिक पटल पर हम नज़र करते हैं तो सम्पूर्ण विश्व जगत में आर्थिक रूप से सम्पन्न होने के उपरान्त भी मुस्लिम जगत का राजनैतिक पतन हो गया है इसके पीछे एक मात्र कारण यह है कि मुस्लिम धर्म जगत अपने गोरवशाली इतिहास से कोई सबक हांसिल नहीं करता है।
इतिहास से बहुत कुछ सीखने के बजाए कालांतर में हुई अपनी गलतियों को बार-बार यह समाज और इसके धार्मिक सामाजिक राजनेता दोहराएं जातें हैं इतिहास अपने समाज को सन्देश देकर उसके अतीत से वर्तमान समय को बेहतर बनाने का बड़ा अवसर देता है परन्तु यहां बड़े अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है की मुस्लिम धर्म के मानने वाला यहसमाज सिर्फ और सिर्फ अपने इतिहास से कोई शिक्षा हासिल नहीं कर झूठे घमंड में चूर होकर मदहोश हो गया है अपने इतिहास का नशा मुस्लिम समाज को अपने वर्तमान में झांक कर उसकी कमियों को देखने नहीं दे रहा है इस झूठे घमंड में चूर धार्मिक नेताओं हुक्मरानों की जज़्बाती बेसिर पेर की झूठी कोरी लफ्फाजी तकरीरों से इस समाज का सम्मान आज दुनिया में सबसे निचले पायदान पर है इस्लाम धर्म और इसके मानने वाले आज दुनिया में बे आबरू होकर नफरतों का शिकार हो रहे हैं पूरी कोम ज़हनी बैचेनी लाचारी बेबसी मायूसी का शिकार बन गईं हैं लाचारी मायूसी बेबसी से निकलने के लिए कंहा से केसे शुरुआत करें यह अब भी समझ नहीं आ रहा है मुस्लिम समुदाय में आज भी दूरअंदेशी हालात को समझने वाले ईमानदार समाज के हमदर्द धार्मिक सामाजिक नेताओं का अभाव बना हुआ है।
समाज के बड़े वर्ग पर आज भी जाहिल दुनिया और दुनिया के हालात से अनजान बने हुए मोलवियो का कब्जा है तमाम तरह की ज़लालत झेलने वाले कोम के धार्मिक नेताओं का दिमाग़ी दिवालियापन आयें दिन उजागर हो रहा है फिर भी नफरतों के सोदागर फतवे बाज मुल्ला मौलवी ग़रीबी लाइल्मी से लडने के बजाय अपने समाज को दिन-रात बांटने में लगे नफरतें फेलाने में लगे हैं।
कुछ इसी प्रकार के हालात पूरी दुनिया में बने हुए हैं हमारे देश में भी बढ़ती हुई अपने समाज के प्रति नफ़रत का इलाज समाज के सियासी मज़हबी नेताओं के पास नहीं है।
अपने इतिहास से सिर्फ अंहकार घमंड हासिल कर आप वर्तमान में कुछ बेहतर नहीं कर सकते यह अंहकार आपको नकारात्मक बना देगा इसके नतीजे के रूप में आप वर्तमान को समझने के बजाय अपने अतीत में खोए देश दुनिया के लोगो से पिछड़े अपनी काल्पनिक दुनिया में सिमटकर रह जाओगे और आपकों मिलेगीबदलें में नफ़रते तिरस्कार आपका मजाक उड़ाया जाएगा।
लंबे समय तक यह सब सहने के बाद आपका समाज देश दुनिया में मुख्यधारा से अलग हटकर इसका आदी हो कर दोयम दर्जे का नागरिक बन जाएगा आपको इसका पता चलने तक बहुत देर हो चुकी होगी तब आप बहुत कुछ खो चुके होंगे?
इस्लाम धर्म के नाम पर आज तक सऊदी अरब के अय्याशी राजपरिवारों के कट्टर अतिवादी धर्म को मानने वाले लोग इस बात से आंखें बंद कर लेते हैं कि जब गज्जा फलस्तीन में लाखों भूखें प्यासें बच्चों औरतों बूढ़े लोगों पर बम बरसाए जा रहें थे तब आले सऊद पाप सिंगर शकीरा की नंगी जवानी के डांस का आनंद लेकर उसके हुस्न के जलवों में खो गया था पर्दे के पीछे तुर्की जोर्डन अरब मिश्र सब इस्राइल से अपने व्यापारिक स्वार्थ पूरे कर रहे थे तुर्की का खलीफा ऐर्दोगन हथियार सस्ता तेल इस्राइल को बेच रहा था खाने पीने का सामान इस्लामी देश अरबों के द्वारा ही इस्राइल में भेज कर नाम निहाद इस्लामी भाईचारे का जनाजा निकाला गया फिर भी 70वर्षो से बोलें गए झूठ के इस्राइल अरबों मुस्लिमों का दुश्मन है इस पर आज भी जाहिल किस्म के मोलवी आज भी अपनी बकवास करते हैं।
विश्व में 57देश होने के बडा अहंकार भी यह समाज ढो रहा है अब हम बात करते हैं की आज का मुस्लिम धर्म के नाम पर हिंसा करने के बजाय इस्लाम धर्म और मुहम्मद साहब इस्लाम धर्म के अवतार के कितने उपदेशों का पालन अपने रोजाना के जीवन में करते हैं इस्लाम का शाब्दिक अर्थ शांति और सुरक्षा का संदेश है परन्तु धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा हिंसा तेल की दोलत से मालामाल अरब खाड़ी देशों में होती है भू राजनीतिक वर्चस्व को कायम रखने के लिए पश्चिमी देशों अमेरिका के इशारे पर उनके हथियार ट्रेनिंग लेकर कब कोनसा खलीफा अल कायदा आई एस आई एस की दाढ़ी टोपी धारी बहरुपिया फोज लेकर उठ खड़ा हो जाएं? सम्पूर्ण अरब जगत शिया सुन्नी कुर्द वहाबी मे बटा बेगुनाह लोगों के खून की होली खेलता रहता है मजेदार बात यह है कि जिनके सलवार पजामे का नाड़ा भी अमरीका पश्चिमी देशों का बना वह वहसी सिरफिरे हत्यारे विश्व को जीतकर ख़िलाफत शरिया कानून लागू करने की बात करते हैं जहां निरंकुश अरबी बादशाह का शासन है जिसमें बोलने तक की आजादी नहीं है मजेदार बात यह भी है की शरिया कानून लागू करने की बात करने वाले खुद भाड़े के हत्यारे अमरीका सऊदी अरब के पेट्रो डालर से चलते हैं विश्व में रेडिकल वहाबी कट्टर अतिवादी इस्लाम धर्म का निर्यात करने में सऊदी अरब का बड़ा योगदान है इस्लामी क़ानून में बादशाहत क़तअन हराम है पर अक्ल से अंधों को कब सूझता है।
पवित्र क़ुरआन में एक बेगुनाह का क़त्ल करना सम्पूर्ण मानव जाति का क़त्ल माना गया है इसी प्रकार सूरह तोबा क़ुरआन में कहा है कि ईश्वर पर विश्वास ईमान रखने वालों ईश्वर से डरों और सच्चो के साथ रहो सच यह भी है मोलवी का ईश्वर अल्लाह चाबुक लेकर खड़ा है और सूफी संत का ईश्वर दयालु कृपालु है जों अनेकता में एकता का आभास कराकर सब धर्मो के लोगो को जोड़ता है सच यह भी है की मोहम्मद साहब ने कहा है कि वतन से मोहब्बत करना ईमान का भाग है सच यह भी है कि हमारे देश भारत मे आज भी हमें बोलने की आजादी है कानून का शासन है तमाम चुनोतियो के बाद भी बना हुआ है आज जो देश में नफ़रते है उसको परवान चढ़ाने में धर्म निरपेक्ष दलों कांग्रेस शासन का भी बडा हाथ है सच है आज देश नफ़रते पूरे उफान पर है फिर भी देश का
बहुसंख्यक समाज नफरती नहीं है महावीर का संदेश नानक की जमीं पर सूफियों के वतन में गांधी के इस चमन में आज भी मोहब्बत के गीत गाए जाते हैं तभी मेरे नबी अवतार मोहम्मद साहब ने चोदह सों साल पहले कहा था कि कलियुग में मेरे भारत महान देश से मोहम्मद साहब को ठंडी-ठंडी हवा के झोंके आते हैं मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है की नरेंद्र मोदी और योगी के शासन काल में मुस्लिम समाज को आत्मलोकन करने का आईना दिखाया है आज जरुरी है कि मुस्लिम समाज आजादी के समय देश में कहां खड़ा था और आजादी के बाद उसने किनके शासन में क्या खोया क्या पाया है यह चिंतन होना चाहिए यह बात निर्विवाद रूप से सत्य है की देश में धर्म निरपेक्षता बाक़ी है उसके लिए इस देश की जनता को श्रेय जाता है और देश में आज धर्म निरपेक्ष दल भी भाजपा की नकल कर हिन्दुत्व का कार्ड खेलने के प्रयास करते जो सफल नहीं होते हैं ।
मोदी की भाजपा में वह करने का साहस भी है हम मिल कर देश में नफरतों को मिटा कर नये सिरे हिन्दू मुस्लिम संबंधों की परिभाषा लिखें हमें हमारे मस्जिद मदरसों के अपने दिल के दरवाजे देश की बहुसंख्यक जनता के लिए खोल देने चाहिए ताकि बहुत सी गलत फहमियां दूर हो सकें दंगों में जो सम्पत्ति जलाई जाती है जों ख़ून चाहें हिन्दू का बहे या मुसलमान का वह खून और सम्पत्ति मेरे देश की है चाहे नफ़रते कितनी भी हों हम पड़ोसी नहीं बदल सकते संकट की घड़ी में हमारा दूर रहने वाला भाई बाद में पहले पड़ोसी काम आयेगा।
इसलिए अपने पड़ोसी अपने गांव अपने शहर के लोगो से प्यार प्रेम से मिले मिलकर गिले शिकवे दूर करें देशहित में शांति सद्भाव पेंदा करें यह देश रहेगा तो हमारा अस्तित्व बना रहेगा चीन पाकिस्तान जेसे दुश्मन पड़ोसी मुल्कों से घिरे हुए देश की तरक्की के लिए शांति सद्भाव जरुरी है आंतरिक अशांति से विश्व में बहुत से ताकतवर देश टूट चुकें हैं शक्तिशाली सोवियत रूस इसका उदाहरण है शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए हम सब मिलकर नये साल में संकल्प लें शक्तिशाली भारत की जनता भी सम्रद्ध
खुशहाल हो इसी में हम सब का कल्याण हैं।