जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने 5 साल से जेल में बंद पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को रिहा करने का दिया आदेश

Jammu and Kashmir High Court orders the release of journalist Asif Sultan, who has been in jail for 5 years.

Update: 2023-12-12 15:27 GMT

जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने 5 साल से जेल में बंद पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को रिहा करने का आदेश दिया है। 2018 में आसिफ़ को UAPA के तहत गिरफ्तार किया था। अज पाँच वर्षों बाद आज उनको जेल से बाहर की जिंदगी जीने को मिलेगी। 

उन्हें हाई कोर्ट ने अप्रैल 2022 में UAPA में जमानत दे दी थी लेकिन प्रशासन ने जेल के गेट से ही उन्हें PSA के तहत गिरफ्तार कर लिया था।  जब सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया था उस वक़्त उनकी बच्ची महज़ कुछ माह की ही थी लेकिन वह अब कई वर्षों की हो चुकी है। 5 साल में सरकार बदल जाती है लेकिन मुसलमान के लिए न्यायायिक प्रक्रियाएं ज्यों की त्यों ही रहती है। 

अपनी पत्रकारिता की वजह से अमेरिका की संस्थाओं से अवार्ड हासिल कर सम्मानित होने वाला पत्रकार #AsifSultan 5 वर्ष बाद UAPA व PSA की हिरासत से रिहा होगा। 

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस विनोद चटर्जी कौल ने इस सप्ताह एक फैसले में आसिफ के 9 अप्रैल 2022 के हिरासत आदेश को रद्द कर दिया.अदालत ने कहा कि हिरासत में लेने वाले प्राधिकारी ने हिरासत में लिए गए व्यक्ति को वह दस्तावेज, जिस पर हिरासत का आदेश आधारित है, प्रदान न करके प्रक्रियात्मक नियमों का पालन नहीं किया.

जस्टिस कौल ने कहा, ‘अगर हिरासत में लिए गए व्यक्ति को दस्तावेज नहीं दिए जाते हैं तो वह हिरासत आदेश के खिलाफ प्रभावी प्रतिनिधित्व करने की स्थिति में नहीं होगा.’ पिछले साल अप्रैल में आसिफ को चार साल जेल में बिताने के बाद एनआईए अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन उसकी हिरासत को बढ़ाने के लिए पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

बाद में उन्हें कोट भलवाल जेल भेज दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस बार उन्हें रिहा किया जाएगा या नहीं. अदालत ने कहा कि उन्हें रिहा कर दिया जाना चाहिए, बशर्ते किसी अन्य मामले में उनकी जरूरत न हो.

समाचार पत्रिका ‘कश्मीर नैरेटर’ के रिपोर्टर आसिफ सुल्तान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया गया था. आसिफ को 2018 में उन आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने उस साल श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी.

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