व्यंग :एक काल्पनिक देश का महानायक !

मैं तुम्हारा जुनून और तुम्हारे जज्बात भलीभाँति जानता हूँ। मैं तुम्हारे ताजे लहू की प्यास को कभी मिटने नहीं दूँगा। खूब पियो, खूब जियो।

Update: 2019-12-11 02:23 GMT

क्या बोला? 15 लाख चैये? 2 करोड़ नोकरी चैये? रोजगार चैये? तो सुनो, मैंने भी तुम्हें दर-दर का भिखारी न बना दिया, तो मेरा नाम बिल्ला नहीं। तुम्हारे जैसों को मुझसे अच्छा नायक मिल ही नहीं सकता। मैं तुम जैसों की हरामखोरी और नफरत भरी मानसिकता को भली भाँति जानता हूँ। मैं जानता हूँ, तुम्हें रोटी और मुस्लिम-वध में से क्या पसंद है?

मैं जानता हूँ, तुम भले भूखे मर जाओ, लेकिन पड़ोसी बरबाद होना चाहिए। मैं जानता हूँ, तुम भीख माँग लोगे, लिकिन पड़ोसी देश को गाली देने के लिए अपनी चड्ढी खोलकर मेरे सामने झुक जाओगे। मैं तुम्हारी इसी मानसिकता का प्रतिनिधि हूँ।

मैंने तुम्हारी पाई-पाई हड़प ली और सैकड़ों लोगों को बैंक की लाइन में खड़ा करके मार डाला। क्या उखाड़ लिया मेरा? घंटा ! मैंने व्यापारियों को महीने के बीस दिन जीएसटी में इंगेज कर दिया। क्या उखाड़ लिया? घंटा ! मैंने तुम्हारी नौकरियाँ छीन लीं। क्या उखाड़ लिया? वही..!

अब सुनो हरामखोरों ! मैं तुम्हे वो सब कुछ दूँगा, जिस पर तुम फिदा हो जाते हो। मैं तुम्हें खून से सना मुल्क दूँगा ! मैं तुम्हें जहालत की वो ऊँचाई दूँगा, कि तुम हजार बरस तक याद किए जाओगे। मैं तुम्हें एक-दूसरे का कत्ल करने की इतनी वजहें दे जाऊँगा, कि तुम किसी और को अपना मुखिया बनाने की सोच भी नहीं पाओगे।

बहुत हो गए सवाल-जवाब। अब तो तुम ये सोचो कि खुद को मुल्क वाशिंदा साबित करने के लिए तुम्हें कितने बरस लाइन में लगना पड़ेगा? मैं तुम्हारे जुनून को इतना बढ़ा दूँगा, कि तुम लाइन में खड़े होकर नागरिक कहलाने के सिवा कुछ सोच ही नहीं पाओगे। तुम्हारी औलादें केवल लाइन में खड़ी होने लिए पैदा होंगी।

मैं तुम्हारा जुनून और तुम्हारे जज्बात भलीभाँति जानता हूँ। मैं तुम्हारे ताजे लहू की प्यास को कभी मिटने नहीं दूँगा। खूब पियो, खूब जियो।

तुम्हारा

दरिंदा मसीहा

बिल्ला।

साभार फेसबुक पोस्ट 

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