हिंदू मान्यताओं में विश्वास रखने वाले कई लोग ज्योतिष को मानते हैं. लोग शादी से पहले कुंडली मिलान कराते हैं. ज्योतिष में कुंडली मिलान का काफी महत्व है हालांकि वास्तुशास्त्र के अनुसार विज्ञान दिशा और आसपास में मौजूद वस्तुओं से उत्पन्न उर्जा के प्रभाव के बारे में बताता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार सकारात्मक उर्जा प्रगती होती है जबकी नकारात्मक उर्जा से जीवन में कई प्रकार की परेशानीयां आती है।
बता दें कि वास्तुशास्त्र का जीवन के हर में लागू होता है, इसका विवाह से भी संबंध है और वास्तुशास्त्र वैवाहिक जीवन में अपना प्रभाव दिखाता है। यदि जातक अपने जीवन में सकारात्मक प्रभाव चाहता है तो इन चीजों को करना छोडना पड़ेगा।
1. वास्तु के अनुसार, जिन कुंवारे लड़कों और लड़कियाें की शादी नहीं हो रही है, उन्हें दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा में मुंह करने नहीं सोना चाहिए। इससे जातक के विवाह में कई बाधाए आती है।
2. वास्तुशास्त्र के अनुसार विवाह योग्य लड़कों को उन कमरों में सोना चाहिए, जिस कमरे में एक से अधिक दरबाजे हों। जिन कमरों में हवा और रोशनी का प्रवेश कम हो उन कमरों में नहीं सोना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसे कमरे में सोने से जातक के विवाह में कई प्रकार की परेशानीयां आती है।
3. काले रंग के कपड़े और दूसरी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार आप काले रंग से जितना दूर रहेंगे उतना बेहतर होगा।