जानें कब होती है महिलाओं को सेक्स की तीव्र इच्छा?
ओव्यलैशन के समय महिलाओं में पुरुषों को आकर्षित करने के लिए फेरोमेन्स(pheromones) का भी निर्माण होता है
वैसे जहां कई मौके ऐसे भी होते हैं जब महिलाएं सेक्स से इंकार कर देती हैं वहीं कुछ विशेष समय या अवधि में उनकी डिज़ायर बहुत अधिक बढ़ जाती है। जी हां, महिलाओं के शरीर की रचना पुरुषों से बिलकुल अलग होती है। पुरुष जहां कभी भी सेक्स के लिए तैयार हो सकते हैं वहीं महिलाओं के साथ ऐसा नहीं है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स की प्रकृति और रचना ही कुछ इस तरह से की गयी है कि वे महीने के कुछ विशेष दिनों सेक्स का तीव्र इच्छा महसूस कर पाती हैं।
तो क्या आप जानना चाहते हैं कि वह वक़्त कब आता है जब महिलाएं अधिक कामुक हो जाती हैं? गाइनोकॉलेजिस्ट डॉ़. अरुंधति घोष बता रही हैं उसी के बारे में।
ओव्यलैशन के समय- ओव्यलैशन जैविक रुप से सेक्स का सर्वोत्तम समय है क्योंकि इस वक़्त महिलाओं के हार्मोन्स काफी सक्रिय होते हैं। एस्ट्रोजन का स्तर अक्सर उच्च होता है और कभी-कभार ही कम होता है। साथ ही इस समय प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर भी काफी ऊंचा होता है जिससे महिलाओं को सेक्स की डिज़ायर बहुत अधिक होती है। दिलचस्प बात यह है कि ओव्यलैशन के समय महिलाओं में पुरुषों को आकर्षित करने के लिए फेरोमेन्स(pheromones) का भी निर्माण होता है। इसलिए यह दिन सेक्स के लिए काफी अच्छा होता है।
पीरियड्स के दौरान- हो सकता है कि आपको यह सुनकर अजीब लगे लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सेक्स की तीव्र इच्छा होती है। दरअसल इस वक़्त हार्मोन्स के स्तर में व्यापक रुप से बदलाव आते हैं और लड़कियां सेक्सुअली अराउज़ होती हैं। यही नहीं पीरियड्स में सेक्स से गर्भधारण की संभावनाएं भी बहुत कम होती हैं। साथ ही ज़्यादा लुब्रिकेशन की वजह से पेनीट्रेशन काफी आसान होता है।
दूसरा ट्राइमेस्टर- प्रेगनेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में काफी अधिक बढ़ोतरी होती है और इसी वजह से उन्हें सेक्स की इच्छा होती है। हालांकि बहुत-सी महिलाएं इस बात को समझ नहीं पाती क्योंकि उन्हें इस दौरान बदनदर्द, मतली और थकान जैसी समस्याएं भी महसूस होती रहती हैं। वैसे दूसरी तिमाही में जहां डिज़ायर अधिक होती है वहीं थर्ड ट्राइमेस्टर में यह कम हो जाती है।