'The Vaccine War' फिल्म में दिखाया गया मीडिया को खलनायक, नाना पाटेकर की एक्टिंग ने खींचा लोगों का ध्यान

विवेक अग्निहोत्री की 'The Vaccine War' भी कोरोना के श्रृंखला की फिल्म है, मगर उनकी फिल्म में नयापन ये है कि यह भारतीय साइंटिस्ट्स द्वारा देश का अपना वैक्सीन बनाने के सफर को बयान करती है।

Update: 2023-09-28 09:46 GMT

कहानी की शुरुआत होती है, जनवरी 2022 से। पूरा देश नए साल के जश्न में डूबा है और तभी ICMR ( द इंडियन काउंसल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के महानिदेशक बलराम भार्गव को एक ऐसे वायरस के बारे में पता चलता है जिसका मरीज चीन के वुहान में पाया गया है। फिल्म की कहानी को 12 भागों में बांटा गया है। कोरोना वायरस का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर चर्चा के बाद बलराम भार्गव (नाना पाटेकर) और उनकी पूरी टीम को कोविड-19 के खिलाफ भारत की पहली वैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है। बलराम की पूरी टीम युद्ध स्तर पर टीका बनाने की मुहिम में जुट जाती है।

मीडिया का नकारात्मक पहलू दिखाया गया

कहानी में सरकार विरोधी मीडिया की प्रतनिधि के रूप में साइंस एडिटर बनी राइमा सेन का किरदार अतिरेक करता नजर आता है। असल में वही कहानी की असली खलनायिका हैं , मगर विवेक इस पहलू को संतुलित करने से चूक गए हैं। मीडिया का एक नकारात्मक पहलू के साथ उन्हें सकारात्मक रूप को भी दर्शाना चाहिए था। चूंकि फिल्म एक साइंटिफिक प्रोसेस पर है, तो कई जगहों पर हल्‍के-फुल्‍के दृश्यों का अभाव नजर आता है। फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर कमजोर है। अभिनय के मामले में यह फिल्म कहीं भी कमतर साबित नहीं हुई हैं। बलराम भार्गव के रूप में नाना पाटेकर की दमदार वापसी हुई है। उनके अभिनय की विशिष्ट शैली और पॉज लेकर डायलॉग बोलने वाला अंदाज पर्दे पर मजेदार लगता है।

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