यूपी के लंका मीनार में जाने वाले भाई-बहन बन जाते हैं पति-पत्नी!
150 सालों से चली आ रही है मान्यता
उत्तर प्रदेश के जालौन में एक ऐसी जगह है जहां भाई-बहनों का साथ जाना मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मान्यता है कि एक साथ भाई-बहन इस मीनार पर चढ़ते हैं तो वो पति-पत्नी बन जाते हैं।
गुरुवार को भाई-बहन का त्योहार रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022) मनाया जाएगा। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के जालौन स्थित एक ऐसी मीनार के बारे में बताने जा रहा हैं जहां भाई-बहन साथ नहीं जा सकते। कहते हैं कि अगर भाई-बहन उस मीनार पर एक साथ जाते हैं तो वो पति-पत्नी बन जाते हैं। आसपास के लोग भी इस बात को मानते हैं। यह मीनार जालौन जिले के बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार पर मौजूद काल्पी में है। ये वही काल्पी है जहां वेद व्यास जी ने रामायण ग्रंथ लिखी थी। उसी काल्पी में ये मीनार मौजूद है। दिलचस्प बात ये है कि ये मीनार रावण को समर्पित है। इस मीनार में रावण और उसके पूरे परिवार के चित्र दीवार पर अंकित हैं।
जानकारी के मुताबिक 1875 में मथुरा प्रसाद नाम के शख्स ने इस मीनार को बनवाया था। मथुरा प्रसाद एक कलाकार थे जो रामलीला में रावण का किरदार किया करते थे। कहा जाता है कि मथुरा प्रसाद रावण के व्यक्तित्व से इतना प्रभावित हो गए कि उन्होंने रावण की याद में मीनार बनवाने का फैसला किया। उस वक्त करीब दो लाख रुपये और 20 साल की मेहनत के बाद ये मीनार बनकर तैयार हुआ। इस मीनार की ऊंचाई 120 फीट है। एक और कमाल की बात ये कि इस मीनार को बनाने में सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
अब इस मीनार में भाई बहन के एक साथ ना जाने की मान्यता कुछ ऐसी है कि इस मीनार की चोटी तक पहुंचने के लिए 172 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। ये 172 सीढ़ियां चढ़ते हुए आपको मीनार की सात बार परिक्रमा लगानी पड़ती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जिसके साथ आप सात फेरे लेते हैं उससे आपकी शादी हो जाती है। ऐसे में मीनार की सात परिक्रमा के चलते मान्यता है कि भाई-बहन इस मीनार पर नहीं चढ़ते।
साभार हिंदुस्तान