विवाह के बाद क्यों होती हैं परेशानी, क्यों होते हैं तलाक?
ज्योतिषीय दृष्टि से जब विवाह योग बनते हैं, तब विवाह टलने से विवाह में बहुत देरी हो जाती है। वे विवाह को लेकर अत्यंत दुखी रहते है
पं, वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ)
मंगल यदि आठवें, बारहवें भाव में स्थित हो तो निश्चित रूप से दोनों काम करते है , बारहवें भाव के मंगल तलाक अथवा पति या पत्नि की मृत्यु का कारण भी बन सकते है। मंगल की किसी भी रूप में सप्तम भाव पर दृष्टि वैवाहिक समस्याओं का कारण बनती है। शनि यदि सप्तम भाव को देखते हो या सप्तम भाव में स्थित हो तो परेशान करते है। सूर्य और राहु की लग्न या सप्तम में स्थिति भी वैवाहिक समस्याओ से दो चार करवा सकती है।
इनमें जानने वाली बात ये है कि सिर्फ मंगल और शनि ही जीवन भर के लिए परेशानी का सबब बनते है बाकि सूर्य और राहु सिर्फ उसी समय परेशानी देते है जब कि वो गोचर अथवा अन्तर्दशा , महादशा से गुजर रहे हो। पति पत्नि दोनों की कुंडली के सप्तम भाव में अकेला शुक्र हो तो भी परेशानी देता है हालांकि यदि शुक्र सप्तमेश भी हो तो कम परेशानी देता है लेकिन देता अवश्य है। सप्तमेश यदि नीच राशि अस्त या दुःस्थान में बैठा हो तो भी कष्टकारी है। सप्तम भाव का संबंध किसी भी रूप में शनि से बनते ही समस्याऒं की शुरूआत मानिये।
आजकल के अतिविद्वान लोग व्यर्थ की वैज्ञानिकता के चक्कर में बिना कुंडली दिखाये संतान का विवाह कर देते है और उनको कष्टपूर्ण जीवन की ओर धकेल देते है। सभी ज्योतिष प्रेमियों हेतु मजेदार बात है कि व्यक्ति प्रेम विवाह का कदम तभी उठायेगा, जब ऊपरोक्त ग्रह स्थिति हो अब बाकि बात आप समझ गए होंगे। दूसरी चीज हमारी प्रार्थना है कि यदि उपरोक्त स्थिति हो तो 90% मामलों में संबंधित ग्रह का रत्न पहनने से बचना चाहिए।
यदि आप भी किसी ऎसी ही वैवाहिक समस्या अर्थात् विवाह न होना अथवा विवाह के बाद कष्टों से पीङित है तो संपर्क करें, हम पूरे आत्मविश्वास के साथ कहते है कि इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में हम समर्थ है और हाँ , ये भी कहने में हमें संकोच नही है कि खर्चा आपका लगेगा वो चाहे आप अपने यहाँ करें या हमारे साथ, निश्चित रूप से यदि आप वैवाहिक या आर्थिक समस्या से जूझ रहे हो तो इसका निदान संभव है हम करके दिखा सकते है सिर्फ वे लोग संपर्क न करें जो प्रेम विवाह में रूचि रखते हो। आप ज्योतिष से लगाव बनाये रखिये , अगर ज्योतिष आपकी समस्या का सटीक संकेत कर सकता है तो उसका पूर्णतः निदान भी।
इस समस्या के निवारणार्थ अच्छा होगा की किसी विद्वान ज्योतिषी को अपनी जन्म कुंडली दिखाकर विवाह में बाधक ग्रह या दोष को ज्ञात कर उसका निवारण करें। ज्योतिषीय दृष्टि से जब विवाह योग बनते हैं, तब विवाह टलने से विवाह में बहुत देरी हो जाती है। वे विवाह को लेकर अत्यंत दुखी रहते है
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए पं, वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें = 9131735636