इंदौर में चूड़ी वाले के साथ मारपीट जैसा मामला देवास में भी सामने आया है। यहां के हाटपिपल्या में फेरी लगाकर टोस्ट और जीरा बेचने वाले बुजुर्ग को रोककर बाइक सवार दो युवकों ने आधार कार्ड मांगा। जब वह नहीं दिखा पाया तो उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इतने में गांव के ही कुछ लोग आए और फेरी वाले को बदमाशों के चंगुल से बचाया। पीड़ित बोला- यदि लोग नहीं आते तो वो मुझे मार ही डालते। हाटपिपल्या पुलिस ने दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।
हाटपिपल्या पुलिस के अनुसार 50 साल का जाहिद खान मंसूरी (50) निवासी आमलाताज ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसने बताया कि बुधवार दोहपर करीब साढ़े 12 बजे टोस व जीरा बेचने के लिए टप्पा-बारोली गया था। वापस आते समय जामनिया के पास टप्पा-बारोली रोड पर दो अज्ञात लोगों ने रास्ता रोका और आधार कार्ड मांगने लगे। मैंने कहा मेरे पास आधार कार्ड नहीं है। इस पर दोनों गाली-गलौज करते हुए बोले कि हमारे गांव में तू कैसे आया।
मैंने गाली देने से मना किया तो एक व्यक्ति ने लाठी से मारपीट शुरू कर दी, वहीं दूसरा बेल्ट से पीटने लगा। इससे मेरे पैर, हाथ, पीठ व सिर में चोट आई। वह मारपीट कर ही रहे थे तभी आसपास के कुछ समझदार लोग भी पहुंच गए, जिन्होंने मुझे बचाया। जाते-जाते दोनों ने ये धमकी भी दी कि आज के बाद हमारे गांव की ओर सामान बेचने आया तो तुझे जान से खत्म कर देंगे।
नाम नहीं जानता, लेकिन चेहरा से पहचानता है।
बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि मैं दोनों का नाम नहीं जानता, लेकिन उन्हें चेहरे से पहचानता हूं। वह दोनों बारोली के रहने वाले हैं। पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर दो अज्ञात लोगों के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
हालांकि मार खाने वाले को अब डर है की कहीं उसे भी किसी से छेड़छाड़ , धोखाधड़ी या ऐसे ही किसी फर्जी मुक़दमें में ना फंसा दिया जाय , जान लें देवास पहले भी चरम हिंदुवादियों की प्रयोग शाला रही हैं मालेगांव ब्म्क्लांड जिसमें प्रज्ञा ठाकुर मुजरिम है, की कहानी भी फ=देवास के ईर्दगिर्द घुमती है , यह भी खान जाता है की देवास संघ का सशत्र प्रशिक्षण का बड़ा गढ़ है .
लगातार सांप्रदायिक हमले और पुलिस के पक्षपात पूर्ण रेवैये ने कभी शांति का टापू कहलाये जाने वाले मध्य प्रदेश को बदनाम कर दिया है और इसका असर यहाँ के व्यापार, उद्योग और निवेश पर पडरहा है।