पूर्व मंत्री उमंग सिंघार को बचाने वालों पर भी धारा 34 के अंतर्गत दर्ज हो केस -एड. आराधना भार्गव

Update: 2021-05-21 05:06 GMT

नेता याने समाज का नेतृत्व करने वाला, जिसके पद्चिन्हों पर देश के युवा चल सकें। वर्तमान में देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है। अस्पताल, शमशान घाट में लाशों का अम्बार लगा है, आॅक्सीजन रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने में सरकार पूरी तरीके से असहाय नजर आ रही है। विपक्ष कोे अपराधी उमंग सिंघार को बचाने की पड़ी है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस के मुखिया ने भी अपराधी उमंग सिंघार को बचाने की वकालत शुरू कर दी। कांग्रेस के शासनकाल मे स्व. सरला मिश्रा की हत्या हुई, हत्यारा खुलेआम घूम रहा है। प्रदेश में महिला हिंसा चरम पर है, इस पर विपक्ष में बैठी कांग्रेस महिला हिंसा करने वाले अपराधी विधायक को आखिर क्यों बचाना चहाती है ? हनी ट्रेप मामले को दबाने का काम भी सफेदपौश अपराधियों ने ही किया।

धार के गंधवानी से कांग्रेस विधायक वा पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के निजी बंगले पर उसकी महिला मित्र सोनिया भारद्वाज ने आत्महत्या कर ली, उमंग सिंघार पर सोनिया को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने का अपराध पुलिस ने पंजीबद्ध किया है। मैं उस पुलिस अधिकारी को सलाम करती हूँ जिसने पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक पर अपराध पंजीबद्ध करने की हिम्मत जुटाई, अब देखना यह है कि पुलिस अधिकारी बिना किसी राजनीतिक दबाव के प्रकरण में जाँच कर पाते हैं या नही ? या फिर सत्ताधीशों के ईशारे पर अपराधी उमंग सिंघार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर प्रकरण की लीपापोती करते है।

स्वर्गीय सोनिया भारद्वाज को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाला उमंग सिंघार जब अपनी प्रेमिका के साथ वफादारी नही कर सका, वह सोनिया के बेटे के साथ वफादारी करेगा ऐसा तो हो ही नही सकता। अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उमंग सिंघार स्व. सोनिया भारद्वाज के बेटे से पत्र लिखवा रहा है, उस पर राजनीतिक दबाव बना रहा है, यह बात पूरा देश महसूस कर रहा है। मेरा अभी तक का अनुभव है कि जितने भी सफेदपौश अपराधी है, उन्हें बचाने के लिए पक्ष और विपक्ष हमेशा एक हो जाता है, और इसका परिणाम हम ये देख रहे हैं महिला हिंसा रोकने में सरकार की कोई रूचि दिखाई नही देती। ऐसी घटनाओें पर सरकार आपदा में अवसर तलाशती नजर आती है।

इस टिप्पणी के माध्यम से, मैं सरकार तथा प्रकरण में जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी से निवेदन करना चहाती हूँ कि, स्व. सोनिया भारद्वाज के बेटे आर्यन को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाये वर्ना उसका भी वही हाल होगा जो उसकी माँ का हुआ। सोनिया की माँ तथा नौकर को भी सुरक्षा प्रदान की जाऐ, सोनिया तथा अपराधी उमंग का मोबाईल, लेपटाप जप्त किया जाए, बंगले को सील किया जाये ताकि अपराधी अपराध से संबंधित सबूत ना मिटा पाये। अपराधी को सजा मिलने पर ही सफेदपौश अपराधी महिला हिंसा करने से बाज आयें, उन्हें यह संदेश मिले कि महिला उपभोग करने की वस्तु नही है।

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