Committed Suicide: सरकारी मदद ना मिलने की वजह से एक पिता ने कर ली आत्महत्या अपनी अपाहिज बेटी से कहीं यह बात

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के सतना जिले में हुई एक घटना सामने आ रही है, जिसमें सरकारी सिस्टम की असली पोल खोलते हुए दिखाई दे रही है.यहां एक बीमार बेटी के इलाज के लिए पिता ने पहले अपने घर और दुकान को बेचा फिर जमीन, जायजाद भी बेच दी

Update: 2023-04-19 15:31 GMT

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के सतना जिले में हुई एक घटना सामने आ रही है, जिसमें सरकारी सिस्टम की असली पोल खोलते हुए दिखाई दे रही है.यहां एक बीमार बेटी के इलाज के लिए पिता ने पहले अपने घर और दुकान को बेचा फिर जमीन, जायजाद भी बेच दी फिर अपने शरीर का खून भी बेच दिया। आइए जानते क्या है पूरा मामला?

Committed Suicide case In MP: मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक आत्महत्या करने का मामला सामने आ रहा है जिससे पूरे इलाके में अब तहलका मच गया है। सभी लोग दुखी हो रहे हैं। यह खबर काफी दुखद है। बताया जा रहा है कि एक शख्स ने आत्महत्या कर ली है इसके बाद अब सरकारी सिस्टम की पोल खुल रही है और लोग सरकारी सिस्टम पर आगबबूला हो रहे हैं. कोलगवां थाना क्षेत्र के ट्रासंपोर्ट नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना दर्ज की गई. जहां 55 साल के प्रमोद गुप्ता ने आत्महत्या कर ली. सिविल लाइन थाना पुलिस के अनुसार मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक के पास प्रमोद का शव मिला, जहां प्रमोद ने रेल से कटकर अपनी जान दे दी. डीएसपी हेडक्वॉर्टर ख्याति मिश्रा ने कहा है कि पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेकर जांच शुरु कर दी है.

तीन बच्चों के पिता हैं प्रमोद गुप्ता

बताया जा रहा है कि प्रमोद गुप्ता 3 बच्चों के बाप थे जिसमें उनकी सबसे बड़ी बेटी 21 साल की है और एक बेटा 18 साल का है और एक छोटी बेटी 12 साल की थी बड़ी बेटी का नाम अनुष्का है जो 5 साल पहले एक खतरनाक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गई थी। अनुष्का के इलाज के लिए पिता ने डॉक्टरों के चक्कर लगाए और इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च भी कर दिए। इलाज के पैसे इकट्ठा करने के लिए उन्होंने जमीन, जायदाद, घर दुकान सब बेच दिया फिर भी ठीक नहीं हो पाई। इसके बाद प्रमोद गुप्ता एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए। बताया जा रहा है प्रमोद गुप्ता ने इतना ज्यादा कर्ज ले लिया कि वह कर्ज के तले जबरदस्त तरीके से दब गए उन्होंने अपने घर का सिलेंडर भरवाने के लिए अपना खून तक बेच दिया

'सरकारी मदद मिल जाती तो नहीं जाती जान'

बताया जा रहा है कि अनुष्का पढ़ने में काफी होशियार थी उसको जिला कलेक्ट्रेट की तरफ से आश्वासन भी दिया गया था कि उसे पढ़ाई के लिए हर संभव मदद दी जाएगी लेकिन सरकारी वादे वादे ही रह गए। पिता प्रमोद गुप्ता बीपीएल कार्ड लेकर सरकारी योजनाओं के लिए दफ्तरों के चक्कर काटते रह गए लेकिन फिर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। बढ़ते कर्ज की वजह से उन्होंने अपनी जान दे दी मरने से पहले उन्होंने घर पर फोन किया और कहा कि वह बढ़ते कर्ज से थक गए हैं। पिता की मौत के बाद बेटी अनुष्का ने कहा कि अगर सरकारी सुविधाएं समय रहते मिल जाती तो आज वह जिंदा होते।

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