मिशन 2023 के मोड में कांग्रेस.... जमीनी पकड़ को मजबूत करने में जुटे कमलनाथ
विजया पाठक
हाल ही में त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव से प्राप्त परिणामों के बाद मध्यप्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अंदर एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। सभी पार्टी कार्यकर्ता नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के जारी रिजल्ट से काफी संतुष्ट दिखे हैं और अब आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के नेतृत्व में मैदान में उतरेगी। खुद कमलनाथ भी इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि आगामी चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जायेगा। इस बात को लेकर वे अपने साथी विधायक व कांग्रेस कार्यकर्ताओं से काफी चर्चा कर चुके हैं और इसके बाद ही उन्होंने इस दिशा में निर्णय लिया है। अब इंतजार केवल इस बात का है कि कांग्रेस पार्टी मिशन 2023 को किस योजना के साथ सफल बनाती है।
कमलनाथ काफी सकारात्मक है चुनाव को लेकर
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव से प्राप्त परिणामों के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ खुद भी पूरी तरह से आश्वस्त है औऱ उन्हें इस बात का अंदाजा लग चुका है कि जिस तैयारी के साथ वे नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में मैदान में उतरे थे, अब उसी तैयारी को और भी धारदार करने की आवश्यकता है। क्योंकि मिशन 2023 उनके लिए प्रतिष्ठा बन गया है। वर्ष 2018 में 15 साल बाद सत्ता में लौटने पर दगाबाज ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके समर्थक विधायकों के कारण उन्हें महज 15 महीनों में ही सत्ता गंवानी पड़ी। लेकिन सत्ता जाने का अफसोस अब उन्हें बिल्कुल नहीं है। वे एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आगामी चुनाव में अपनी ब्रिगेड को उतारने की तैयारी कर रहे है।
मंडल अध्यक्ष से लेकर कार्यकर्ता तक चर्चा
पिछले कुछ समय से देखने में आया है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ खुद एक-एक कार्यकर्ता से मिलकर चुनावी रणनीति बना रहे हैं और क्षेत्रों में डेमेज कंट्रोल को पूरी तरह से दुरस्त कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कई बार कार्यकर्ता से लेकर मंडल अध्यक्ष और पूर्व विधायक सहित विधायक व पूर्व मंत्रियों के साथ कई दौर की बैठकें की हैं। पिछले दिनों ही बैठक में उन्होंने साफ सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कह दिया था कि जिस किसी को भी जो पद अभी छोड़ना है वो छोड़ दें, चुनाव करीब आने के समय इस तरह की परिस्थितियां नहीं बननी चाहिए।
जनमत जुटाने घर-घर चलो अभियान
कांग्रेस ने मिशन 2023 की शुरुआत वर्ष 2022 शुरु होते ही कर दी थी। अब तक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी ने अलग-अलग अभियानों के माध्यम से लोगों तक अपनी पहुंच और कांग्रेस पार्टी के उद्देश्यों को पहुंचाने का कार्य किया है, यह कार्य अब भी निरंतर जारी है। कांग्रेस पार्टी ने घर-घर चलो अभियान के जरिए जनता के सामने एकजुटता का संदेश दिया है। पार्टी के घर-घर चलो अभियान को मिली आपार सफलता के का परिणाम है कि पार्टी ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में सकारात्मक बदलाव की एक शुरुआत की है।
आरोप प्रत्यारोप के बजाय अपने मिशन पर फोकस
पिछले दिनों मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के दो बड़े घोटालों का पर्दाफाश हुआ। पहला है धार जिले के कारम बांध निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार और दूसरा है नर्सिंग कॉलेज घोटाला। लेकिन कमलनाथ ने इन भ्रष्टाचार से परिपूर्ण लापरवाहियों पर कोई टिप्पणी करने के बजाय कारम बांध से पीड़ित ग्रामीणों से चर्चा की और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से पूरी तरह से दूर रहे। देखा जाये तो यह सही कार्य भी है। क्योंकि भाजपा में अक्सर देखने में आता है कि कुछ चुनिंदा नेता नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे मंत्री पूरे समय केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते हैं। लेकिन कमलनाथ पूरी तरह से अपने मिशन पर फोकस कर रहे हैं।